डिंडौरी न्यूज। विभिन्न मांगों को लेकर व्यावसायिक प्रशिक्षकों ने जिला शिक्षा अधिकारी के नाम डीईओ कार्यालय में पदस्थ आशीष पांडे को ज्ञापन सौंपा हैं ।ज्ञापन के माध्यम से बताया गया है कि मध्यप्रदेश में व्यावसायिक शिक्षा का संचालन 2014-15 से हो रहा है जिसमें आज तक लगभग 5000 विद्यालयों में व्यावसायिक प्रशिक्षक प्रत्येक विद्यालय में कार्यरत है और उनके द्वारा छात्र-छात्राओं को विद्यालय में ट्रेड से संबंधित (ट्रेनिंग) प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
व्यावसायिक प्रशिक्षकों का मानदेय पहले 22000 रूपये था जो अब उसे घटाकर 20000 कर दिया गया है जिससे सभी व्यावसायिक प्रशिक्षकों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है।
जबकि इसी कार्य हेतु अतिथि व्याख्याता से हर माह प्रत्येक कक्षा में 2 व्याख्यान कराया जाता है जिसके लिए उनका मानेदय पहले 500 रूपये प्रति कक्षा प्रति 1 व्याख्यान का निर्धारित था जो अब उसे बढ़ाकर 1000 कर दिया गया है और व्यावसायिक प्रशिक्षकों के मानदेय राशि में कटौती कर दी गई है।
आकस्मिक अवकाश एवं चिकित्सा अवकाश के संबंध में महोदय हम सभी व्यावसायिक प्रशिक्षकों को प्रतिमाह 1 अवकाश का प्रावधान है जिसको अगर हम उपभोग नहीं करते है तो वह अवकाश रद्द कर दिया जाता है यदि यह अवकाश प्रति सत्र जुडकर आवश्यकता अनुसार उपयोग करने का प्रावधान हो जाए तो हमारी कुछ परेशानी दूर हो जाएगी।
चिकित्सा अवकाश के संबंध हमे कोई राहत नहीं मिलती है। जब कभी भी बीमार पडते है तो हमें भी अन्य कर्मचारियों की भांति अस्पताल के उपचार की आवश्यकता होती है। अतः हमें भी चिकित्सा अवकाश प्रदान किया जाए।
व्यावसायिक प्रशिक्षकों की ई-अटेंडेंस के लिए जो एप बनाया गया है उसका नाम VTP Manpower संदर्भित पत्र में दिया गया है। जो Manpower का अर्थ मजदूर होता है यह सभी व्यावसायिक प्रशिक्षकों के लिए अपमानजनक है इससे सभी व्यावसायिक प्रशिक्षकों के आत्म सम्मान और स्वाभिमान को ठेस पहुंची है। Manpower शब्द अनपढ़ और Unskilled लोगों के लिए उपयोग किया जाता है। सभी व्यावसायिक प्रशिक्षक ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट और टेकनिकल याग्यताधारी है। इनके लिए उपयोग किया गया Manpower शब्द भारत के संविधान के प्रतिकूल है और यह म.प्र. स्कूल शिक्षा विभाग के लिए बेहत दुखद एवं खेद का विषय है।
ई-अटेंडेंस की व्यवस्था सर्वप्रथम स्थाई शिक्षकों हेतु विद्यालय में लाया गया था किंतु उनके अस्वीकार करने पर व्यावसायिक प्रशिक्षकों को अनिवार्य किया जा रहा है। जो उचित और तर्क संगत नहीं है। महोदय ऑनलॉइन उपस्थिति के मोबाईल एप के माध्यम से उपस्थिति हेतु रजिस्ट्रेशन करने के पश्चात कई व्यावसायिक प्रशिक्षकों को फ्राड कॉल आ रही है जिससे हम सभी के व्यक्तिगत डेटा के द्वारा अनुचित कार्य एवं नुकसान होने की संभावना के साथ भय की स्थिति व्याप्त है। इस एप में व्यावसायिक प्रक्षिकों के लिए OD ऑपशन नहीं है बकि प्रतिमाह उचित अतिधि व्याख्याता ने स्वीकृत प्राप्त कर उनके कार्यालय जाकर सहमति सेना होता है जो यह कार्य व्यावसायिक प्रशिक्षकों करते हैं तत्पश्चात पत्र व्यवहार किया जाता है। जो पतिमाह आठ अतिथि व्याख्यान निर्धारित है। साथ ही त्रैमागिक औद्योगिक भ्रमण के लिए भी संबंधित भौद्यौगिक केन्द्र में पूर्व से जाकर अवलोकन किया जाता है और सहमति प्राप्त करनी होती है जिसके लिए OD का प्रावधान नहीं है।
वार्षिक परीक्षा परिणाम के संबंध में महोदय हर वर्ष विद्यार्थियों के वार्षिक परीक्षा परिणाम का विषयवार आकलन किया जाता है।। सगै व्यावसायिक प्रशिक्षकों के ट्रेड (थिल्य में) 95 प्रतिशत परीक्षा परिणाम निधत है जबकि अन्य। पय शिक्षकों के लिए 30 प्रतिशत परीक्षा परिणाम निर्धारित है जो पूर्णतः भेद भाव पूर्ण व्यवहार है।
व्यावसायिक प्रशिक्षकों का कहना है कि उनकी भूमिका विद्यालय में बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि व्यावसायिक प्रशिक्षकों के द्वारा विद्यालय में प्रधानमंत्री द्वारा स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत अध्ययनरत ट्रेड से संबंधित छात्र-छात्राओं को विभिन्न कौशल प्रदान कर रहे है। और उन्हें बहुमुखी प्रशिक्षण देकर रोजगार और स्वरोजगार के लिए तैयार करते आए है और कर रहे है। जिसका परिणाम भी सामने आ रहा है।
इनकी मांग है कि व्यावसायिक प्रशिक्षकों की समस्याओं का समाधान करवाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं और व्यावसायिक प्रशिक्षकों को न्याय दिलाया जाए।