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विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर जिला जेल और कॉलेज परिसर में जागरूकता कार्यक्रम

akvlive.in

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डिंडौरी।  विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर दिव्य ज्योति सोशल डेवलपमेंट सेंटर द्वारा संचालित शिवनिल नशा मुक्ति केंद्र तथा आदित्य बिरला एजुकेशन ट्रस्ट की एम पावर (मानसिक स्वास्थ्य) पहल के तहत मंगलवार को जिला जेल और अमरपुर महाविद्यालय में विशेष जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। दोनों कार्यक्रमों में विशेषज्ञों ने आत्महत्या जैसी गंभीर समस्या और मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर विस्तार से चर्चा की तथा युवाओं और कैदियों को जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने का संदेश दिया।

कैदियों को समझाया-आत्महत्या नहीं, सुधार है विकल्प

       कार्यक्रम के दौरान देवराज कछवाहा ने कहा कि कठिन परिस्थितियों में आत्महत्या का विचार आना असामान्य नहीं है, लेकिन ऐसे विचारों पर नियंत्रण बेहद आवश्यक है। हर समस्या का समाधान संभव है, आत्महत्या कभी भी विकल्प नहीं हो सकती। रितु सेन ने आत्महत्या के दुष्परिणाम बताते हुए कहा कि यह कदम क्षणिक भावनाओं में लिया गया निर्णय होता है, लेकिन इसका असर पूरे परिवार को जीवनभर झेलना पड़ता है। जेलर लव सिंह कटार ने कहा कि “अक्सर लोग गुस्से या निराशा के एक क्षण में गलत कदम उठा लेते हैं। यहां से प्रायश्चित कर बाहर निकलने के बाद समाज की मुख्यधारा से जुड़ें और अपने जीवन को नई दिशा दें।”

      बच्चूनाथ चौहान ने नशे और आत्महत्या के बीच गहरे संबंध पर प्रकाश डाला और बताया कि नशा व्यक्ति को मानसिक रूप से कमजोर बना देता है। उन्होंने शिवनिल नशा मुक्ति केंद्र में उपलब्ध काउंसलिंग और उपचार सेवाओं की जानकारी दी। अजय ठाकुर ने कहा कि आत्महत्या किसी समस्या का हल नहीं है। मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देकर, नशे से दूर रहकर और सकारात्मक सोच अपनाकर जीवन की चुनौतियों से पार पाया जा सकता है। उन्होंने भारत सरकार की मनकक्ष पहल और आदित्य बिरला एजुकेशन ट्रस्ट की हेल्पलाइन की जानकारी दी, जिसके माध्यम से लोग निशुल्क मनोचिकित्सक से परामर्श ले सकते हैं। इस अवसर पर जेल प्रशासन, प्रहरी, नशा मुक्ति केंद्र का स्टाफ और कैदी उपस्थित रहे।

छात्रों को दिया संदेश-असफलता अंत नहीं

    शासकीय महाविद्यालय अमरपुर में कार्यक्रम के दौरान डॉ. अशोक वर्मा (मनोरोग विशेषज्ञ) ने छात्रों से कहा कि परीक्षा परिणाम या करियर में असफलता आत्महत्या का कारण नहीं होना चाहिए। असफलता सुधार का अवसर है, जिसे अपनाकर आगे बढ़ा जा सकता है। रितु सेन और बच्चूनाथ चौहान ने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि गलतियाँ और असफलताएँ जीवन का हिस्सा हैं, लेकिन इन्हीं से सीखकर आगे बढ़ना ही असली सफलता है।

      कार्यक्रम में राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत चल रहे उमंग अभियान से जुड़े संदेश भी दिए गए। बच्चों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया गया।

         कार्यक्रम में स्कूल के प्राचार्य, डॉक्टरों की टीम, नशा मुक्ति केंद्र का स्टाफ शिवा पॉल, राकेश पटेल एवं संदीप बिंझिया तथा बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ मौजूद रहे।

Chetram Rajpoot

चेतराम राजपूत मध्यभूमि के बोल समाचार पत्र के संपादक हैं। 2013 से इस दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने madhyabhoomi.in को विश्वसनीय समाचार स्रोत बनाया है, जो मुख्यधारा की मीडिया से अलग, विकास, समानता, आर्थिक और सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित है। हम सच्चाई और पारदर्शिता में विश्वास रखते हैं। मीडिया की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए सतत प्रयासरत हैं। बेखौफ कलम... जो लिखता है बेलिबास सच..

Chetram Rajpoot

चेतराम राजपूत मध्यभूमि के बोल समाचार पत्र के संपादक हैं। 2013 से इस दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने madhyabhoomi.in को विश्वसनीय समाचार स्रोत बनाया है, जो मुख्यधारा की मीडिया से अलग, विकास, समानता, आर्थिक और सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित है। हम सच्चाई और पारदर्शिता में विश्वास रखते हैं। मीडिया की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए सतत प्रयासरत हैं। बेखौफ कलम... जो लिखता है बेलिबास सच..