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Fake Naxalite Encounter In Mandla : फर्जी एनकाउंटर में मारे गए आदिवासी हीरन सिंह परते बैगा के परिवार को न्याय दिलाने आदिवासी कांग्रेस ने राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

मंडला। मध्य प्रदेश के मंडला जिले में कथित फर्जी एनकाउंटर में मारे गए राष्ट्रीय मानव संरक्षित जनजाति के आदिवासी हीरन सिंह परते ...

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Chetram Rajpoot

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मंडला। मध्य प्रदेश के मंडला जिले में कथित फर्जी एनकाउंटर में मारे गए राष्ट्रीय मानव संरक्षित जनजाति के आदिवासी हीरन सिंह परते बैगा के परिवार को न्याय दिलाने के लिए आदिवासी कांग्रेस ने 21 मार्च 2025, शुक्रवार को महामहिम राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
आदिवासी कांग्रेस ने आरोप लगाया कि 9 मार्च 2025 को मंडला जिले के बिछिया थाना क्षेत्र के ग्राम नारंगी लसरे टोला निवासी हीरन सिंह परते बैगा को सरकार ने नक्सली करार देकर फर्जी एनकाउंटर में मार गिराया। कांग्रेस का कहना है कि हीरन सिंह एक गरीब मजदूर था और मानसिक रूप से कमजोर होने के बावजूद प्रशासन ने षड्यंत्रपूर्वक उसकी हत्या कर दी। इस घटना के बाद मृतक की पत्नी बिसरो बाई और उनके पांच छोटे बच्चे बेसहारा हो गए हैं।
सरकार पर आदिवासी शोषण के आरोप
आदिवासी कांग्रेस ने ज्ञापन में सरकार पर आदिवासियों के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों का आरोप लगाया। उन्होंने नेमावर कांड, सीधी पेशाब कांड, सिवनी हत्या कांड, महू दुष्कर्म एवं हत्या, विदिशा में वन रक्षकों द्वारा गोली मारकर हत्या, गुना में रामप्यारी बाई को जिंदा जलाने और नीमच में कन्हैया लाल भील को घसीटकर मारने जैसी घटनाओं का उल्लेख किया और सरकार से आदिवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।
आदिवासी कांग्रेस की प्रमुख मांगें
आदिवासी कांग्रेस ने महामहिम राष्ट्रपति को सौंपे गए ज्ञापन में निम्नलिखित प्रमुख मांगें रखीं:
– उच्च स्तरीय जांच – हीरन सिंह की हत्या की निष्पक्ष जांच हाईकोर्ट के जज की निगरानी में 5 सदस्यीय कमेटी द्वारा की जाए, जिसमें एक आदिवासी जज और पक्ष-विपक्ष के आदिवासी विधायक शामिल हों।
-अधिकारियों पर कार्रवाई – इस घटना से जुड़े थाना प्रभारी, पुलिस अधीक्षक और हॉक फोर्स के अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया जाए।
– पीड़ित परिवार को मुआवजा – मृतक के परिवार को 2 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी जाए और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
– बच्चों की शिक्षा और भरण-पोषण – मृतक के बच्चों की शिक्षा और भरण-पोषण की पूरी जिम्मेदारी सरकार उठाए।
– नक्सलवाद के नाम पर आदिवासियों का शोषण बंद हो – निर्दोष आदिवासियों को नक्सली बताकर मारे जाने की घटनाएं रोकी जाएं और आदिवासियों को जल-जंगल-जमीन से बेदखल करना बंद किया जाए।
– बेकसूर लोगों की रिहाई – इस घटना के बाद गिरफ्तार किए गए अशोक वल्के, संतोष धुर्वे और सौतिया को रिहा किया जाए।
ज्ञापन सौंपने पहुंचे सैकड़ों कार्यकर्ता
इस ज्ञापन के दौरान आदिवासी कांग्रेस, जिला कांग्रेस, महिला कांग्रेस, यूथ कांग्रेस, सेवादल कांग्रेस, नगर कांग्रेस, मंडलम, सेक्टर, ग्राम, जनपद और जिला पंचायत के सैकड़ों कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी उपस्थित रहे। इस दौरान मध्यप्रदेश आदिवासी महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चंद्रा सरवटे, जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष एडवोकेट राकेश तिवारी, पूर्व विधायक डॉ. अशोक मर्सकोले, आदिवासी कांग्रेस जिला अध्यक्ष राधेशाह मरावी, आदिवासी कांग्रेस प्रदेश महासचिव कमल सिंह मरावी, महिला कांग्रेस प्रदेश महासचिव रागिनी परते, प्रदेश कांग्रेस सह सचिव अभिनव चौरसिया, जिला कांग्रेस वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेंद्र राजपूत, सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। आदिवासी कांग्रेस ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने के लिए बड़े आंदोलन की तैयारी करेंगे।
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