– 15 दिन में मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी
डिंडौरी न्यूज। प्रदेश के हजारों ग्राम रोजगार सहायकों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि विभिन्न जिलों में ग्राम रोजगार सहायकों को बिना किसी ठोस कारण के पद से हटाया जा रहा है। इस संबंध में जनपद पंचायत डिंडौरी के “ग्राम रोजगार सहायक संघ – मनरेगा” एवं “पंचायत सहायक सचिव कर्मचारी संघ के प्रतिनिधियों ने बताया कि यह कार्रवाई एकतरफा, अन्यायपूर्ण और मानसिक उत्पीड़न के समान है।
ज्ञापन में बताया गया कि ग्राम रोजगार सहायक पिछले 15 वर्षों से पंचायत स्तर पर शासन की लगभग सभी योजनाओं के संचालन, पर्यवेक्षण एवं क्रियान्वयन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर होने वाले अधिकांश कार्यों की जिम्मेदारी भी इन्हीं सहायकों पर होती है। इसके बावजूद, वर्तमान समय में विभिन्न जिलों में उच्चाधिकारियों द्वारा केवल ग्राम रोजगार सहायकों को निशाना बनाकर हटाया जा रहा है, जबकि पंचायत सचिवों और अन्य कर्मचारियों को नहीं हटाया गया।
ज्ञापन में उदाहरण देते हुए बताया गया कि रीवा, सीधी एवं अन्य जिलों में बिना पूर्व सूचना या जांच के कई ग्राम रोजगार सहायकों को हटाया गया है, जिससे न केवल उनके परिवार आर्थिक संकट में आ गए हैं बल्कि प्रशासन की इस कार्यशैली से कर्मचारियों में भय और असंतोष का वातावरण उत्पन्न हो गया है।
मुख्य मांगें इस प्रकार हैं:
- पंचायत सहायक सचिव के पद का संविदाकरण कर जिले स्तर पर सर्वे कर नियुक्ति दी जाए ताकि भविष्य में स्थायित्व सुनिश्चित हो सके।
- दिवंगत ग्राम रोजगार सहायकों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए एवं ₹5 लाख की आर्थिक सहायता का प्रावधान किया जाए।
- पूर्व मुख्यमंत्री की घोषणा अनुसार, 25 अगस्त 2018 को जारी आदेश के तहत सचिव पद की सेवा शर्तें ग्राम रोजगार सहायकों पर भी लागू की जाएं। साथ ही सचिव के नवनीकरण के दौरान ग्राम रोजगार सहायकों को 50% आरक्षण प्रदान करने का आदेश तत्काल प्रभाव से जारी किया जाए।
- मानदेय भुगतान की व्यवस्था पारदर्शी एवं समयबद्ध हो। वर्तमान में पंचायतें समय से मानदेय नहीं दे रही हैं, जिससे सहायकों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
- बिना किसी ठोस जांच या आरोप के हटाए गए सहायकों की सेवाएं बहाल की जाएं। साथ ही ई-गवर्नेंस, जल जीवन मिशन, सीएम हेल्पलाइन, पोर्टल आधारित कार्य जैसे – ई-पंचायत, टीएसपी योजना, एफटीओ जनरेशन आदि कार्यों के लिए की जा रही जिम्मेदारियों को देखते हुए सेवाओं को नियमित किया जाए।
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि पिछले तीन महीनों में लगभग 30 से अधिक ग्राम रोजगार सहायकों को हटाया गया है, और अभी तक प्रशासन की ओर से न कोई स्पष्ट जवाब दिया गया है, न ही इन फैसलों पर पुनर्विचार किया गया है। यह स्थिति ग्राम रोजगार सहायकों के मनोबल को तोड़ रही है।
ज्ञापन में स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि यदि इन मांगों पर 15 दिनों के भीतर कोई सकारात्मक कार्यवाही नहीं होती है तो प्रदेश स्तर पर कलमबंद, कंप्यूटर बंद एवं अनिश्चित कालीन आंदोलन शुरू किया जाएगा, जिसकी समस्त ज़िम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
ज्ञापन पर ज़िले के डिंडौरी जनपद पंचायत अध्यक्ष सहित दर्जनों ग्राम रोजगार सहायकों के हस्ताक्षर हैं। संगठन ने कहा है कि यह लड़ाई केवल अधिकारों की नहीं, बल्कि न्याय और सम्मान की है, जिसे किसी भी हालत में पीछे नहीं हटाया जाएगा।