– समनापुर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत किवाड़ का मामला
– पंचायत सचिव जमुना गवले और सरपंच खुलकर कर रहे सरकारी खजाने का बंदरबाट
डिंडौरी न्यूज। समनापुर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत किवाड़ में बड़े पैमाने पर नियमों एवं शासन की मंशा को पलीता लगाते हुए सरपंच, सचिव के जमकर भ्रष्टाचार करते हुए पंचायती खजाने का लाखों रुपए बंदरबाट किया जा रहा है।
पंचायत सचिव जमुना गवले द्वारा पूर्व में ग्राम पंचायत छांटा में पदस्थ रहने के दौरान पंचायत खाता से लगभग 20 लाख रुपए स्वयं के खाता में विभिन्न कार्यों के नाम भुगतान प्राप्त किया था, जांच के बाद भ्रष्टाचार और गबन मामले इन्हें निलंबित करते हुए गबन की गई शासकीय राशि वसूली किए जाने के आदेश हुए थे।
सेवा में बहाल कर सचिव जमुना गवले को 2023 में किवाड़ पंचायत में 2023 में पदस्थ किया गया था, पदस्थापना के साथ सचिव और सरपंच ने मिलकर एक बार फिर सरकारी धन की दुरुपयोग करने में जुट गए हैं।
– सचिव ने खुद को किया लाखों रुपए का भुगतान
पंचायत सचिव जमुना गवले द्वारा पदस्थापना होने के बाद से अब तक 15 वा वित्त से लाखों रुपए स्वयं के खाते जमुना प्रसाद गोलिया को भुगतान किया गया है, प्राप्त जानकारी के अनुसार मजदूरी 9000, ऑफिस व्यय 29000, नाली निर्माण 20000, पंचायत भवन मरम्मत 17000, ऑफिस व्यय 20000, स्वास्थ शिविर 5000, टेंट किराया 14000, विकसित भारत 8000, विधानसभा चुनाव 8000, वाहन किराया 6000, पेयजल कूप मरम्मत 20000, रु खुद को नियम विरुद्ध भुगतान किया गया है। ग्राम स्वराज एवं पंचायत राज अधिनियम के अनुसार सरपंच सचिव स्वयं ग्राम पंचायत में व्यापार नहीं कर सकते हैं और न ही स्वयं किसी भी कार्य का भुगतान ले सकते हैं। लेकिन राजनीतिक संरक्षण और मनमानी के चलते सचिव शासन की राशि से स्वयं भुगतान प्राप्त कर शासन की नियमों और मंशा की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहा है। इतना ही नहीं सरपंच रमलू सिंह के नाम पर मजदूरी और अन्य सामग्री के नाम पर लाखों रुपए का भुगतान किया गया है जो पंचायत राज अधिनियम का खुला उल्लंघन है।


– बगैर वर्क आईडी पंचायत भवन मरम्मत के नाम पर भुगतान , दोबारा राशि स्वीकृत कराया
पंचायत भवन मरम्मत के नाम पर 2024 – 25 में 10 सितम्बर को बगैर टीएस, बगैर वर्क आईडी के 61500 रु सप्लायर को भुगतान किया गया है, 20 जून 2024 को पुताई के नाम पर 30000 हजार रुपए भुगतान किया गया है वहीं 19 अप्रैल 2025 को पुनः पंचायत भवन मरम्मत हेतु स्वीकृत राशि 82910 रु सप्लायर को भुगतान किया गया है। इस तरह मरम्मत, पुताई और फिर मरम्मत के नाम बंदरबाट का खेल खेला जा रहा है।

15वें वित्त योजना के तहत नाली निर्माण, नवीन पेयजल स्रोत निर्माण के नाम पर लाखों रुपए भुगतान किया गया है जबकि पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए कार्य प्रारंभ से लेकर कार्य पूर्ण होने तक अलग अलग अवस्था की फोटो पोर्टल में जियो टैग किया जाना है लेकिन अनेकों निर्माण कार्यों में एक भी फोटो पोर्टल पर दिखाई नहीं दे रही है जबकि स्वीकृत पूरी राशि का भुगतान किया जा चुका है, ऐसे में सवाल उठता है कि जब कार्य हुए हैं तो फोटो क्यो अपलोड नहीं किया गया है.. कही ऐसा तो नहीं कागजों में विकास कर सरपंच सचिव खुद का विकास कर रहे हो। सूक्ष्मता से जांच करने पर बड़ा घोटाला सामने आ सकता है। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए सचिव जमुना गवले से संपर्क किया गया किंतु उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया है।

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