भोपाल / डिंडौरी | प्रदेश में विद्यालयों एवं शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए आधार, समग्र, ओटीपी और केवाईसी जैसी शर्तों को समाप्त करने की मांग जोर पकड़ने लगी है। इसी क्रम में जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन (जयस) के प्रदेश अध्यक्ष इंद्रपाल मरकाम ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को संबोधित कर एक महत्वपूर्ण पत्र लिखा है।
पत्र में उल्लेख किया गया है कि वर्तमान प्रवेश प्रक्रिया अत्यंत जटिल होने से विशेष रूप से आदिवासी, ग्रामीण और नेटवर्कविहीन अंचलों के बच्चों को विद्यालयों में दाखिला लेने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इन बच्चों के पास मोबाइल फोन, नेटवर्क सुविधा और आवश्यक दस्तावेज न होने के कारण वे शिक्षा के अधिकार से वंचित हो रहे हैं।

मरकाम ने कहा कि शिक्षा प्रत्येक बच्चे का मौलिक अधिकार है और इस अधिकार की प्राप्ति के लिए यदि शुरुआती प्रक्रिया ही बाधक बन जाए, तो यह शासन-प्रशासन के लिए गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि देश के सर्वोच्च पदों पर बैठे महामहिम राष्ट्रपति और माननीय प्रधानमंत्री ने भी बिना इन शर्तों के शिक्षा प्राप्त कर देश का नेतृत्व किया है। ऐसे में वर्तमान में बच्चों पर इतनी जटिलताएं थोपना उचित नहीं है।
पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री से अनुरोध किया गया है कि प्रवेश प्रक्रिया को सरल बनाया जाए और आधार, समग्र, ओटीपी एवं केवाईसी जैसी अनिवार्य शर्तों को तत्काल समाप्त कर प्रदेश के हर बच्चे को समान रूप से शिक्षा सुलभ कराई जाए।
इंद्रपाल मरकाम ने स्पष्ट किया कि यदि जल्द कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया, तो जयस इस मुद्दे पर प्रदेशव्यापी जनआंदोलन छेड़ेगा। पत्र को लेकर समाज के विभिन्न वर्गों से भी समर्थन मिल रहा है और लोग उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार इस पर शीघ्र निर्णय लेगी।