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मौनिहारो ने मौन व्रत रखकर की गौ पूजन,परम्परा अनुसार गाय बिचकाया

akvlive.in

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शहपुरा। जिले के मानिकपुर गांव में दीपावली पर्व के दूसरे दिन ग्रामीण अंचलों में गोवर्धन पूजा बड़े धूमधाम से मनाया गया प्राचीन काल से चली आ रही परंपरा आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े हर्ष उल्लास से मनाया जाता है गोवर्धन पूजा के शुभ अवसर पर गोधन गाय की पूजा विधि विधान से की गई मानिकपुर गांव की सभी ग्रामीण एक खुले जगह गौठान में एकत्र होकर विधि विधान से गाय के बछिया की पूजा करते हैं बछिया का जल और दूध से पैर धोते हैं,तथा हल्दी चावल का टीका लगाते हैं इस अवसर पर गांव के बच्चे मौन व्रत धारण किए रहते हैं। जिन्हें ग्रामीण मौनीहर कहते हैं परंपरा के अनुसार गाय के पूजन के बाद मौनीहर बच्चे एक-एक गाय के बछड़े के नीचे से निकलते हैं।

इसके बाद गांव की महिलाएं मौनीहर बच्चों को गिलास से दूध पिलाकर और अपने आंचल से मुंह पोंछ कर आशीर्वाद देते हुए गाय चराने के लिए जाते हैं। इस अवसर पर अहीर समाज के लोग गाना बजाना कर नाच गाना करते हैं अंत में गांव के सभी गायों को एक साथ भगाया जाता है।

 घरो में चावल बनाया जाता है जिसे सर्वप्रथम गायों को खिलायें जाने की प्रथा है। वही गाय बैलों को बिचकाया गया यह कार्यक्रम को देखने के लिए ग्राम के सभी लोग शंकरगंज मोहल्ला के मैदान पर इकट्ठा हुए एवं लक्ष्मी नारायण जयकारा लगाते हुए गाय बैलों को बड़े हर्ष के साथ मोनिहारों के द्वारा गायों को चराया गया इसके पहले अहीर समाज के लोगों के द्वारा रात में ही मांदर बजाते हुए रात्रि में ग्राम के सभी घरों को जगाया गया। यह परंपरा सैकड़ो सालों से चल रहा है गांव के बुजुर्गों का कहना है कि ऐसा करने से हमारे ग्राम में सुख समृद्धि बढ़ती है।

Chetram Rajpoot

वर्ष 2010 से जमीनी स्तर पर खोजी पत्रकारिता कर रहे हैं, भेदभाव से परे न्याय, समानता, भाईचारा के बुनियादी उसूलों के साथ समाज के अंतिम व्यक्ति की आवाज शासन - प्रशासन तक पहुंचाने प्रतिबद्ध हैं।

Chetram Rajpoot

वर्ष 2010 से जमीनी स्तर पर खोजी पत्रकारिता कर रहे हैं, भेदभाव से परे न्याय, समानता, भाईचारा के बुनियादी उसूलों के साथ समाज के अंतिम व्यक्ति की आवाज शासन - प्रशासन तक पहुंचाने प्रतिबद्ध हैं।