– समनापुर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत किवाड़ का मामला, स्लोपिंग रूफ में राफ्टर की जगह लगाई गई कच्ची लकड़ियों की बल्लियां
– मध्यप्रदेश भंडार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम2015 की खुलकर उड़ाई जा रही धज्जियां, महंगे दामों में की जा रही सामग्री खरीदी
डिंडौरी न्यूज। प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत बैगा बाहुल्य गांवों में स्थानीय परिवेश के अनुरूप आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण कराया जाना है, जिसके लिए मॉडल, अनुमान और डिजाइन राज्य स्तर से स्वीकृत किए गए हैं। इस योजना का उद्देश्य विशेष पिछड़ी जनजाति के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना है, ताकि बच्चे आंगनबाड़ी केंद्रों से अधिक से अधिक जुड़ सकें। लेकिन ग्राम पंचायतें ‘बैगा विकास’ के नाम पर घटिया निर्माण कराते हुए अपनी जेबें भरने में जुटी हैं।
समनापुर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत किवाड़ में प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत स्वीकृत आंगनबाड़ी केंद्र निर्माण में निर्धारित मानकों को दरकिनार कर सरपंच और सचिव द्वारा मनमानी की जा रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार वनग्राम पौड़ी में 12 लाख रुपये की लागत से बनाए जा रहे आंगनबाड़ी केंद्र में गुणवत्ता से समझौता किया गया है। प्राक्कलन के अनुसार कॉलम में 12 एमएम की छड़ लगनी थी, लेकिन 10 एमएम की छड़ का उपयोग किया गया। वहीं बाउंड्री वॉल में भी कॉलम निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग कर 6 इंच की जगह 11 इंच में चूड़ी लगाई गई है।
इसी तरह ग्राम पंचायत किवाड़ के चकटोला में भी 12 लाख रुपये की लागत से बन रहे आंगनबाड़ी केंद्र में घटिया सामग्री के उपयोग का मामला सामने आया है। स्लोपिंग रूफ में लकड़ी की राफ्टर की जगह जंगल से काटी गई कच्ची लकड़ियों की बल्लियां लगाई गई हैं, जिन पर जला हुआ ऑयल पोत कर काम चलाया गया है। स्थानीय ग्रामीणों ने आशंका जताई है कि कुछ ही समय में इन बल्लियों में घुन लग जाएगा। प्राक्कलन में लकड़ी की राफ्टर पर प्राइमर पॉलिश की तीन कोट करने का प्रावधान था, लेकिन उसे नजरअंदाज कर दिया गया। जिले के अन्य बैगा बाहुल्य गांवों में राफ्टर लगाए जा रहे हैं, लेकिन ग्राम पंचायत किवाड़ में सरपंच और सचिव की मनमानी तकनीकी अधिकारियों की मिलीभगत से बेरोकटोक जारी है।
भंडार क्रय नियमों को ताक पर रख महंगी खरीदी
मध्यप्रदेश शासन ने समस्त विभागों को भंडार क्रय एवं सेवा उपार्जन नियम 2015 तथा संशोधित 2023 का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं, ताकि सरकारी कार्यों में सामग्री उचित दरों पर खरीदी जा सके। लेकिन ग्राम पंचायत किवाड़ के सचिव द्वारा इन नियमों की अनदेखी कर चुनिंदा सप्लायरों से बाजार दर से ज्यादा कीमत पर सामग्री खरीदी गई और लाखों रुपये का मनमानी भुगतान कर दिया गया।
धुंधले बिल-बाउचर से गड़बड़ी का खेल
ग्राम पंचायत किवाड़ में पदस्थ सचिव जमुना गवले पर आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में धुंधले बिल-बाउचर और फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से शासन की राशि का दुरुपयोग किया है। शासन ने पंच परमेश्वर एप के जरिए भुगतान प्रक्रिया को डिजिटल कर पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की व्यवस्था की है, लेकिन सचिव ने अस्पष्ट और अपूर्ण बिल लगाकर भुगतान किया, जिससे यह पता लगाना मुश्किल हो गया कि आखिर कितनी और किस सामग्री के नाम पर भुगतान किया गया है।