कार्रवाई नहीं होने से ग्रामीणों में आक्रोश
डिंडौरी न्यूज । समनापुर जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत मारगांव में पदस्थ सचिव समर सिंह परस्ते एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। ग्रामीणों ने सचिव पर वित्तीय अनियमितता, भ्रष्टाचार, शासकीय कार्यों में लापरवाही और आम जनता से अभद्रता करने जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए जिला प्रशासन से शिकायत की थी। ग्रामीणों ने 20 बिंदुओं में सचिव के खिलाफ विस्तृत शिकायत कलेक्टर और जिला पंचायत CEO के समक्ष दर्ज कराई थी।
मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला पंचायत डिंडोरी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (CEO) अनिल कुमार राठौर ने सचिव समर सिंह परस्ते को नोटिस जारी करते हुए तीन दिवस के भीतर जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। बावजूद इसके, सचिव द्वारा न तो कोई जवाब प्रस्तुत किया गया और न ही अपनी कार्यशैली में कोई सुधार लाया गया।
LIC की पॉलिसी बेचने में व्यस्त सचिव
जारी नोटिस में स्पष्ट उल्लेख है कि सचिव ग्राम पंचायत कार्यालय में नियमित उपस्थिति नहीं देते। ग्रामीणों की शिकायत में यह भी कहा गया है कि सचिव से संपर्क करने पर वे फोन नहीं उठाते और कॉल पर ‘LIC पॉलिसी कराइए’ जैसे संदेश सुनाई देते हैं। इससे स्पष्ट होता है कि सचिव अपने शासकीय कर्तव्यों का निर्वहन करने की बजाय बीमा पॉलिसी बेचने में व्यस्त रहते हैं।
जांच में खुले कई घोटाले
जांच प्रतिवेदन में यह तथ्य सामने आया कि सचिव ने ग्राम पंचायत के नाम पर बिना GST पंजीकृत सप्लायर से सामग्री खरीदी। साथ ही, मनरेगा अंतर्गत वर्मी कम्पोस्ट निर्माण कार्य में हितग्राही के जॉब कार्ड में गड़बड़ी कर मजदूरी भुगतान में भी अनियमितता की गई। वहीं, बोल्डर चेक डेम और अन्य निर्माण कार्यों का स्थल निरीक्षण करने पर मौके पर कोई कार्य मौजूद नहीं पाया गया।
अभद्रता और गालीगलौज के आरोप
ग्रामीणों और सरपंच का आरोप है कि सचिव आम जनता से बात करते समय अक्सर गालीगलौज करते हैं। शासकीय कार्यों से जुड़ी समस्याओं के समाधान के बजाय सचिव का व्यवहार हमेशा टालमटोल और अपमानजनक रहता है।
पुराने नोटिस भी बेअसर
गौरतलब है कि सचिव को पूर्व में भी तीन बार – दिनांक 24 मार्च, 2 अप्रैल और 9 अप्रैल 2025 को कारण बताओ नोटिस जारी किए जा चुके हैं। लेकिन सचिव द्वारा इन नोटिसों का भी कोई जवाब नहीं दिया गया।
ग्रामीणों में बढ़ा आक्रोश
जांच में दोष सिद्ध होने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से ग्राम मारगांव के ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से सचिव के विरुद्ध शीघ्र कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।