डिंडौरी न्यूज । कूटरचित दस्तावेजों के सहारे जिला मुख्यालय के एक होटल में ठहरने और होटल संचालक को गुमराह करने वाले युवक को आखिरकार जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ा है। अदालत ने कड़ी टिप्पणी करते हुए आरोपी को तीन अलग-अलग धाराओं में दोषी करार देते हुए 3 साल तक के सश्रम कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है।
यह पूरा मामला डिण्डौरी थाना क्षेत्र का है। मीडिया सेल प्रभारी एवं अभियोजन अधिकारी मनोज कुमार वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी तौसिफ मंसूरी पिता जहांनूर उम्र 27 वर्ष निवासी ई49/बी 325 जनता कॉलोनी, जफराबाद थाना वेलकम, नई दिल्ली, ने नीलम होटल में ठहरने के लिए फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल किया था। आरोपी ने समीर श्रीवास्तव नाम से फर्जी आधार दिखाया और खुद को पुलिस महानिरीक्षक (IG) का बेटा बताकर होटल संचालक को भ्रमित किया।
कैसे हुआ खुलासा?
18 नवम्बर 2022 को नीलम होटल के संचालक पवन शर्मा को युवक की गतिविधियां संदिग्ध लगीं। उसने तुरंत कोतवाली पुलिस को सूचना दी कि एक युवक खुद को IG का बेटा बताकर होटल में ठहरा हुआ है, जबकि उसकी हरकतें संदेहास्पद हैं। सूचना मिलते ही उपनिरीक्षक अमरसिंह मरकाम के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके पर पहुंची।
पुलिस को देख आरोपी होटल से निकलकर खेतों की तरफ भाग खड़ा हुआ। पुलिस ने तत्काल घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया और कुछ ही घंटों बाद आरोपी को उत्कृष्ट ग्राउंड के पास से गिरफ्तार कर लिया। तलाशी में आरोपी के पास से दो आधार कार्ड मिले, एक असली, जिसमें उसका नाम तौसिफ मंसूरी था और दूसरा फर्जी आधार कार्ड, जिसमें वही आधार नंबर था लेकिन नाम बदलकर समीर श्रीवास्तव और पता जयपुर (राजस्थान) लिखा गया था।
इंस्टाग्राम के जरिए आया था डिंडौरी
पूछताछ में तौसिफ मंसूरी ने गोलमोल जवाब देते हुए पुलिस को बताया कि वह इंस्टाग्राम के जरिए डिण्डौरी आया था। हालांकि उसके डिंडौरी आने का मकसद स्पष्ट नहीं हो सका।