– डिंडौरी पुलिस की त्वरित कार्रवाई, DIG ने घोषित किया ₹20,000 का इनाम
– प्रेम प्रसंग के शक में महिला और बच्चे बने शिकार, हत्या के 8 दिन बाद पुणे से आरोपी गिरफ्तार
Dindori Crime News, डिंडौरी न्यूज। जिले के करंजिया थाना क्षेत्र में हुए दिल दहला देने वाले दोहरे हत्याकांड का डिण्डौरी पुलिस ने सफल खुलासा करते हुए फरार आरोपी को महाराष्ट्र के पुणे से गिरफ्तार कर लिया है। इस सनसनीखेज वारदात में एक 11 वर्षीय बालक की मौके पर ही हत्या कर दी गई थी, जबकि एक महिला और एक बालिका गंभीर रूप से घायल हो गई थीं। बाद में इलाज के दौरान महिला की भी मौत हो गई।
जानलेवा हमला और हत्या की वारदात 21 मई को सामने आया था, जब करंजिया थाने में सूचना मिली कि एक अज्ञात हमलावर ने लोहे की रॉड से हमला कर मासूम बालक की हत्या कर दी और दो अन्य को गम्भीर रूप से घायल कर दिया। पुलिस ने तत्काल मामला दर्ज कर वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया और कई टीमों का गठन किया गया।

घायल महिला की इलाज के दौरान 27 मई को मौत हो जाने के बाद यह मामला दोहरी हत्या में बदल गया। तकनीकी साक्ष्य, घटनास्थल से मिले भौतिक प्रमाण और इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के आधार पर जब जांच आगे बढ़ी तो पुलिस को रोशन उददे नामक संदिग्ध का सुराग मिला, जो घटना के बाद फरार हो गया था।
पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर गठित दो टीमों में से एक को शहडोल व आसपास क्षेत्रों में और दूसरी को तकनीकी निगरानी के आधार पर पुणे भेजा गया। अथक प्रयासों और सूक्ष्म विश्लेषण के बाद 29 मई को पुणे से आरोपी रोशन उददे को गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म कबूल करते हुए बताया कि उसका मृतिका से प्रेम संबंध था, लेकिन उसे महिला के चरित्र पर संदेह हो गया था। इसी शक के चलते 21 मई को आरोपी ने महिला से विवाद के बाद उस पर लोहे की रॉड से हमला कर दिया। वारदात के प्रत्यक्षदर्शी बने बच्चों को भी आरोपी ने रॉड से गंभीर रूप से घायल कर दिया, जिसमें एक बालक की मौके पर ही मृत्यु हो गई।
गिरफ्तारी के समय आरोपी के पास से घटना में प्रयुक्त लोहे की रॉड और खून से सने कपड़े बरामद किए गए हैं। मामले की गंभीरता और पुलिस की त्वरित कार्रवाई को देखते हुए उप पुलिस महानिरीक्षक, बालाघाट द्वारा आरोपी पर ₹20,000 का इनाम घोषित किया गया है।
पुलिस टीम की विशेष भूमिका
इस जघन्य अपराध के पर्दाफाश में करंजिया थाना प्रभारी निरीक्षक नरेंद्र पाल, सहायक उपनिरीक्षक साहिबा सिंह तिलगाम, प्रधान आरक्षक मुकेश प्रधान, आरक्षक रामनंदन सनोडिया, शिवपाल कौरव, सायबर सेल मंडला के सुरेश भटेरे और आरक्षक जगदीश प्रसाद की महत्वपूर्ण भूमिका रही।