शहपुरा। शहपुरा विकासखंड के ग्राम बरबसपुर स्थित पवित्र तमकेश्वर आश्रम में आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन श्रद्धा और भक्ति से ओतप्रोत वातावरण में भगवान वामन अवतार का प्रेरणादायक प्रसंग सुनाया गया। कथा वाचक पंडित चंद्रभान शास्त्री ने भक्तों को वामन अवतार की कथा का भावपूर्ण वर्णन करते हुए बताया कि भगवान विष्णु ने वामन रूप में अवतरित होकर बलिदानी राजा बलि को अहंकार और मोह के परित्याग का अमूल्य संदेश दिया।
चंद्रभान शास्त्री ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि और आचरण में परिवर्तन लाने का साधन है। उन्होंने कहा कि कथा श्रवण से न केवल जन्मों-जन्मों के पाप क्षीण होते हैं, बल्कि यह आत्मा को ईश्वर के प्रति समर्पण की ओर अग्रसर करता है। वामन अवतार प्रसंग में शास्त्रीजी ने बताया कि कैसे भगवान विष्णु ने तीन पग भूमि मांगकर राजा बलि का समस्त अहंकार दूर कर दिया और परोपकार तथा विनम्रता का आदर्श स्थापित किया।

कथा के दौरान श्रोताओं को जीवन में परोपकार, अहंकार त्याग, और ईश्वर भक्ति जैसे मूल्यों को अपनाने का संदेश दिया गया। उन्होंने कहा कि “धन-संपत्ति क्षणिक है, किंतु सेवा और विनम्रता से ही सच्ची भक्ति सिद्ध होती है। यदि जीवन में मोह, घृणा, ईर्ष्या और घमंड हावी हो जाए तो भक्ति मात्र एक दिखावा बनकर रह जाती है।”
इस अवसर पर वामन अवतार की भव्य झांकी भी प्रस्तुत की गई, जिसमें भगवान को राजा बलि से भिक्षा मांगते हुए और विराट रूप धारण करते हुए दिखाया गया। जैसे ही भजन ‘तेरे द्वार खड़ा भगवान, भगत भर दे रे झोली’ गूंजा, समूचा वातावरण भक्तिरस में सराबोर हो उठा। श्रद्धालु भावविभोर होकर झूम उठे और कई की आंखों से अश्रुधारा बह निकली।
आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि कथा का आयोजन आगामी दिनों तक जारी रहेगा, जिसमें अन्य दिव्य प्रसंगों का भी वाचन किया जाएगा। पूरे ग्राम व आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रतिदिन कथा में भाग लेकर आध्यात्मिक लाभ ले रहे हैं।