होम राज्य मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़़ क्राइम न्यूज इंटरनेशनल न्यूज कोर्ट न्यूज राजनीति संसदीय संपादकीय अर्थ जगत हेल्थ शिक्षा खेल विज्ञान

लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिए चुनाव अधिकारियों के साथ बैठकों में शामिल होकर उठाएं लाभ

akvlive.in

Published

भारत निर्वाचन आयोग ने मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनीतिक एवं राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों से की अपील
31 मार्च, 2025 तक पूरी कर ली जाएंगी बैठकें, आयोग के सोशल मीडिया हैंडल में देखी जा सकती है बैठकों की तस्वीर
भोपाल । चुनावी प्रक्रिया को मजबूत बनाने और विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों (एसी) में मतदान केंद्र स्तर पर लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिए भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर देशभर में मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनीतिक एवं राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों के साथ सीईओ, डीईओ और ईआरओ स्तर पर बैठकें की जा रही है। पूरे देश में प्रत्येक विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र, जिले और राज्य स्तर पर आयोजित होने वाली बैठकें 31 मार्च, 2025 तक पूरी कर ली जाएंगी। आयोग ने सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों से लंबित प्रकरणों का नियमानुसार निराकरण के लिए चुनाव अधिकारियों के साथ बैठकों में शामिल होकर जमीनी स्तर की भागीदारी का सक्रियतापूर्वक लाभ उठाने की अपील की है।
उल्लेखनीय है कि भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने सभी 28 राज्यों और 8 संघ राज्य-क्षेत्रों के सभी 788 जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) और 36 सीईओ को राज्य, जिला एवं क्षेत्र स्तर पर बैठकर कर लंबित प्रकरणों का समाधान लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम 1960, निर्वाचनों का संचालन नियम 1961 में निर्धारित कानूनी ढांचे और आयोग द्वारा समय-समय पर जारी मैनुअल, दिशा-निर्देशों और अनुदेशों के भीतर करने के निर्देश दिए गए थे।
साथ ही आयोग ने कहा है कि राजनीतिक दलों और उनके अधिकृत प्रतिनिधियों जैसे बूथ लेवल एजेंटों (बीएलए), पोलिंग एजेंटों, काउंटिंग एजेंटों और चुनाव एजेंटों की चुनाव संचालन सहित विभिन्न चुनावी प्रक्रियाओं में विशिष्ट भूमिकाएं होती हैं। इसके साथ ही आयोग ने विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों, जिलों प्रदेश स्तर पर आयोजित बैठकों में सक्रिय रूप से और उत्साहपूर्वक शामिल होने पर राजनीतिक दलों द्वारा जमीनी स्तर पर उनकी इस प्रकार की भागीदारी का स्वागत किया गया है।

Chetram Rajpoot

चेतराम राजपूत मध्यभूमि के बोल समाचार पत्र के संपादक हैं। 2013 से इस दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने madhyabhoomi.in को विश्वसनीय समाचार स्रोत बनाया है, जो मुख्यधारा की मीडिया से अलग, विकास, समानता, आर्थिक और सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित है। हम सच्चाई और पारदर्शिता में विश्वास रखते हैं। मीडिया की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए सतत प्रयासरत हैं। बेखौफ कलम... जो लिखता है बेलिबास सच..

Chetram Rajpoot

चेतराम राजपूत मध्यभूमि के बोल समाचार पत्र के संपादक हैं। 2013 से इस दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने madhyabhoomi.in को विश्वसनीय समाचार स्रोत बनाया है, जो मुख्यधारा की मीडिया से अलग, विकास, समानता, आर्थिक और सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित है। हम सच्चाई और पारदर्शिता में विश्वास रखते हैं। मीडिया की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए सतत प्रयासरत हैं। बेखौफ कलम... जो लिखता है बेलिबास सच..