अंतरिक्ष में 286 दिन बिताने के बाद भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विलमोर सकुशल पृथ्वी पर लौट आए हैं। दोनों स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान से 17 घंटे की लंबी यात्रा के बाद 19 मार्च की सुबह 3:27 बजे (भारतीय समयानुसार) फ्लोरिडा के तट के पास अटलांटिक महासागर में सफलतापूर्वक लैंड हुए।
नासा ने किया स्पलैशडाउन का सीधा प्रसारण
नासा और स्पेसएक्स के संयुक्त मिशन के तहत इस वापसी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। नासा ने अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी का सीधा प्रसारण (Live Telecast) किया, जिसमें यह देखा गया कि कैप्सूल के महासागर में स्पलैशडाउन के बाद रिकवरी टीम ने तुरंत यान को सुरक्षित बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू की।
सुरक्षा जांच और स्वास्थ्य परीक्षण
अंतरिक्ष में इतने लंबे समय तक रहने के बाद वापस लौटे अंतरिक्ष यात्रियों की सेहत की पूरी जांच की जा रही है। इस प्रक्रिया के तहत उन्हें मेडिकल चेकअप और रीहैबिलिटेशन (पुनर्वास) से गुजरना होगा, जिससे उनका शरीर पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के अनुकूल हो सके।
सुनीता विलियम्स का ऐतिहासिक मिशन
सुनीता विलियम्स भारतीय मूल की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री हैं, जिन्होंने कई बार अंतरिक्ष यात्राएं की हैं। यह मिशन उनके लिए खास था, क्योंकि उन्होंने स्पेसएक्स के नए यान ड्रैगन कैप्सूल के जरिए पहली बार अंतरिक्ष में उड़ान भरी। उनकी इस सफलता से भारत सहित पूरे विश्व में गर्व की लहर दौड़ गई है।
नासा और स्पेसएक्स के लिए बड़ी उपलब्धि
यह मिशन नासा और स्पेसएक्स के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, क्योंकि यह वाणिज्यिक क्रू कार्यक्रम (Commercial Crew Program) के तहत अंतरिक्ष यात्रियों को अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) भेजने और सुरक्षित वापस लाने की प्रक्रिया का हिस्सा था।
– आगे की योजना
अब नासा और स्पेसएक्स आने वाले वर्षों में अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा और मंगल जैसे ग्रहों तक भेजने की योजना पर काम कर रहे हैं। वहीं, सुनीता विलियम्स की इस सफलता से अंतरिक्ष क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को भी और मजबूती मिलेगी।
यह मिशन अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है।