होमराज्यमध्यप्रदेशछत्तीसगढ़़क्राइम न्यूजइंटरनेशनल न्यूजकोर्ट न्यूजराजनीतिसंसदीयसंपादकीयअर्थ जगतहेल्थशिक्षाखेल विज्ञान

जस्टिस गवई होंगे देश के पहले दलित CJI, 6 महीने का होगा कार्यकाल, मौजूदा CJI संजीव खन्ना ने मंत्रालय भेजा सिफारिश  

akvlive.in

Published

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस बी.आर. गवई देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) होंगे। वर्तमान CJI संजीव खन्ना ने उनके नाम की सिफारिश कानून मंत्रालय को भेज दी है। जस्टिस गवई 14 मई को देश के अगले CJI के रूप में शपथ लेंगे।
कानून मंत्रालय ने मौजूदा CJI संजीव खन्ना से उनके उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश मांगी थी, क्योंकि उनका कार्यकाल 13 मई को समाप्त हो रहा है। परंपरा के अनुसार, शीर्ष न्यायाधीश अपने बाद आने वाले सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश का नाम प्रस्तावित करते हैं।
जस्टिस गवई का कार्यकाल करीब 6 महीने का होगा। वह संविधान पीठों और सामाजिक न्याय से जुड़े कई महत्वपूर्ण मामलों में फैसले दे चुके हैं। महाराष्ट्र से आने वाले जस्टिस गवई दलित समुदाय से पहले CJI बनेंगे, जो न्यायपालिका में सामाजिक समावेशिता की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। यह नियुक्ति न्यायिक प्रणाली में वरिष्ठता और अनुभव को महत्व देने की परंपरा को जारी रखती है।

Chetram Rajpoot

चेतराम राजपूत मध्यभूमि के बोल समाचार पत्र के संपादक हैं। 2013 से इस दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने madhyabhoomi.in को विश्वसनीय समाचार स्रोत बनाया है, जो मुख्यधारा की मीडिया से अलग, विकास, समानता, आर्थिक और सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित है। हम सच्चाई और पारदर्शिता में विश्वास रखते हैं। मीडिया की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए सतत प्रयासरत हैं। बेखौफ कलम... जो लिखता है बेलिबास सच..

Chetram Rajpoot

चेतराम राजपूत मध्यभूमि के बोल समाचार पत्र के संपादक हैं। 2013 से इस दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने madhyabhoomi.in को विश्वसनीय समाचार स्रोत बनाया है, जो मुख्यधारा की मीडिया से अलग, विकास, समानता, आर्थिक और सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित है। हम सच्चाई और पारदर्शिता में विश्वास रखते हैं। मीडिया की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए सतत प्रयासरत हैं। बेखौफ कलम... जो लिखता है बेलिबास सच..

संबंधित ख़बरें