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Dindori Latest News : खरगहना गांव में हाई कोर्ट के आदेश पर चला बुलडोजर: पुलिस-राजस्व की संयुक्त कार्रवाई, ग्रामीणों ने किया विरोध, समझाइश के बाद टूटा अतिक्रमण

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डिंडौरी न्यूज । अमरपुर जनपद पंचायत क्षेत्र के खरगहना गांव में बुधवार को हाई कोर्ट के आदेश के पालन में राजस्व और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। अतिक्रमण हटाने पहुंची टीम को पहले गांव के लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा, लेकिन समझाइश और प्रशासनिक सख्ती के बाद आखिरकार सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्रामवासियों द्वारा उक्त स्थल पर वर्षों से सार्वजनिक दुर्गा प्रतिमा स्थापित कर कार्यक्रम किया जाता रहा है, जनसहयोग और श्रमदान से ग्रामीणों के सहभागिता से सार्वजनिक रंगमंच का निर्माण कार्य कराया जा रहा था। कार्रवाई के दौरान मौके पर जेसीबी मशीन के साथ पुलिस बल और राजस्व अमला मौजूद रहा।
– महिला की याचिका बनी कार्रवाई की वजह
दरअसल, गांव की निवासी लीला बाई ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर शिकायत की थी कि कुछ ग्रामीणों ने शासकीय भूमि पर कब्जा कर उसके घर का मुख्य रास्ता बंद कर दिया है। कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए 13 अप्रैल को डिंडौरी कलेक्टर को आदेश दिया कि वह स्वयं प्रकरण की सुनवाई करें और अतिक्रमण हटाकर 30 दिन के भीतर कोर्ट को रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
– ग्रामीणों ने जताया विरोध, बताया सार्वजनिक स्थल
कार्रवाई के दौरान स्थानीय ग्रामीणों ने विरोध करते हुए दावा किया कि जिस जमीन पर कार्रवाई की गई, वह पिछले 25 वर्षों से ग्राम कोटवार रामविशाल के उपयोग में थी और वहां पर ग्रामीण प्रतिवर्ष दुर्गा प्रतिमा की स्थापना करते थे। ग्रामीणों ने बताया कि हाल ही में उस स्थान पर एक मंच का निर्माण कार्य श्रमदान से शुरू किया गया था, जिसकी सहमति गांव के अधिकतर लोगों ने दी थी। ग्रामीण मंगल सिंह ने कहा, “यह जमीन सार्वजनिक उपयोग में रही है, इसे अतिक्रमण कहना गलत है। अब हम भी न्याय के लिए कोर्ट की शरण लेंगे।”
– कोर्ट के निर्देशों का पालन जरूरी
एसडीएम भारती मरावी ने बताया कि कोर्ट के स्पष्ट निर्देश मिलने के बाद ही यह कार्रवाई की गई है। “हमने पहले ग्रामीणों से स्वयं अतिक्रमण हटाने की अपील की थी। कुछ लोगों ने स्वेच्छा से दीवालें हटाई, लेकिन विवादित स्थान पर देवी-देवताओं की तस्वीरें और महापुरुषों के चित्र लगे होने के कारण मामला संवेदनशील था। समझाइश के बाद वहां से अतिक्रमण हटाया गया।”

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