डिंडौरी। सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग राजेन्द्र कुमार जाटव के निर्देशन में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित शासकीय योजनाओं — जैसे छात्रवृत्ति, साइकिल वितरण, पुस्तक वितरण एवं विद्यालयों में बेहतर शैक्षणिक व्यवस्था स्थापित करने के उद्देश्य से विशेष अभियान चलाया गया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों की लंबित समस्याओं का निराकरण और नामांकन संबंधी कार्यवाही को समय-सीमा में पूर्ण करना था।
संकुल प्राचार्य सतीश कुमार धुर्वे के नेतृत्व में इस विशेष अभियान को सफलतापूर्वक संचालित किया गया। उनके मार्गदर्शन में संकुल केंद्र प्राचीन डिंडौरी के अंतर्गत आने वाले विद्यालयों में कार्यरत 23 कर्मचारियों के नामांकन संबंधी प्रकरणों का समाधान किया गया।
आयुक्त आदिमजाति विकास विभाग भोपाल द्वारा जारी निर्देशानुसार ई-ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम (EHRMS) पोर्टल में शिक्षकों की उपस्थिति व सेवा अभिलेखों के अद्यतन करने की कार्यवाही पूरी की गई। इस दौरान लगभग 68 शिक्षकों के सेवा अभिलेखों को पोर्टल पर अद्यतन किया गया, जिससे उनकी प्रशासनिक प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित हुई।

प्राचार्य धुर्वे ने विद्यालयों को स्वच्छ बनाए रखने, आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत शैक्षणिक गतिविधियाँ संचालित करने, तथा विद्यालय परिसर में छात्रों के लिए स्वस्थ भोजन और स्वच्छ वातावरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने विद्यालयों में किचन गार्डन विकसित करने पर भी बल दिया ताकि विद्यार्थी व्यावहारिक शिक्षा से जुड़ सकें।
संकुल स्तर पर आयोजित समीक्षा बैठक में कुमारी भागीरथी मरावी, माध्यमिक माध्यमिक शिक्षक की 24 वर्ष के बाद एवं श्रीमती फूलवती मरावी प्राथमिक शिक्षक एवं अनिल धुर्वे प्राथमिक शिक्षक, श्रीमती मंजू तराम का 18 वर्षों पश्चात नामांकन एवं सरनेम परिवर्तन से संबंधित कार्यवाही पूर्ण कराई गई। शिक्षकों के समस्या निराकरण में ओपी पाराशर वरिष्ठ शिक्षक सहित अन्य शिक्षकों ने सक्रिय सहयोग रहा। अभियान के दौरान सभी शिक्षकों को निर्देशित किया गया कि वे शासकीय अभिलेखों को अद्यतन रखें और समय पर कार्य पूर्ण करें, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की प्रशासनिक समस्या उत्पन्न न हो।
सहायक आयुक्त जाटव ने कहा कि विभागीय कार्यों में पारदर्शिता और समयबद्धता से ही शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाया जा सकता है। उन्होंने संकुल प्राचार्य और समस्त शिक्षकों के प्रयासों की सराहना करते हुए इस पहल को “सकारात्मक और अनुकरणीय कदम” बताया।
इस अभियान की सफलता से संकुल क्षेत्र के शिक्षकों और कर्मचारियों में संतोष का माहौल है तथा इसे प्रशासनिक दक्षता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।








