– परिवार पर साजिश का आरोप
डिंडौरी । जिले के विक्रमपुर निवासी शिक्षक शिवप्रसाद दुबे के परिवार में संपत्ति को लेकर गंभीर विवाद सामने आया है। शिक्षक की बड़ी पुत्री दीक्षा तिवारी ने जनसुनवाई केंद्र में कलेक्टर डिंडौरी को आवेदन देकर पिता की मानसिक स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की है और उनकी संपत्तियों के अनुचित हस्तांतरण पर रोक लगाने की मांग की है।
दीक्षा तिवारी ने अपने आवेदन में बताया कि उनके पिता शिक्षा विभाग में शिक्षक हैं, लेकिन बीते कुछ समय से उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। इस स्थिति का लाभ उठाकर कुछ लोग संपत्ति हड़पने की साजिश रच रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि उनके पिता द्वारा तीसरी शादी के लिए सहायक आयुक्त डिंडौरी को अनुमति पत्र भेजा गया, जबकि वे पहले से विवाहित हैं और उनकी दो पुत्रियाँ जीवित हैं।
आवेदिका ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पिता द्वारा कुछ दस्तावेजों में अपने जीवित बच्चों को “मृत” घोषित किया गया, जो न केवल अनैतिक बल्कि आपराधिक कृत्य है। साथ ही, संपत्ति के नामांतरण और विक्रय में बाहरी लोगों की संलिप्तता भी दिखाई दे रही है।
दीक्षा तिवारी के अनुसार, शिवप्रसाद दुबे के नाम पर डिंडौरी के खनूजा कॉलोनी में मकान, पोस्ट ऑफिस के पास पत्नी गीता दुबे के नाम पर मकान, ग्राम विक्रमपुर में शिवप्रसाद दुबे के नाम पर मकान, ग्राम गनेशपुर में गीता दुबे एवं शिवप्रसाद दुबे के नाम से भूमि संपत्तियाँ दर्ज हैं ।
उन्होंने आरोप लगाया कि ग्राम विक्रमपुर निवासी रमेश दुबे पिता जगदीश दुबे परिवार में फूट डालकर मानसिक कलह पैदा कर रहे हैं। उनकी भूमिका पत्नी गीता दुबे को प्रताड़ित कर घर से भगाने और तीसरी शादी को संरक्षण देने में संदिग्ध बताई जा रही है, ताकि संपत्ति पर कब्जा किया जा सके।
दीक्षा तिवारी ने बताया कि उनकी माता गीता दुबे ने पहले भी पुलिस अधीक्षक कार्यालय डिंडौरी में शिकायत दर्ज कराई थी, जो पुलिस परामर्श केंद्र में लंबित है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इससे बच्चों के भविष्य पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
आवेदिका ने प्रशासन से निम्नलिखित मांगें की हैं शिक्षक पिता की मानसिक स्थिति की चिकित्सकीय जांच कराई जाए। उनकी किसी भी संपत्ति का विक्रय या नामांतरण परिवार की सहमति के बिना न किया जाए।
संपत्ति में पुत्रियों का वैधानिक अधिकार सुरक्षित रखा जाए। मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की जाए।
जनसुनवाई में प्रस्तुत आवेदन की प्रतिलिपि पुलिस अधीक्षक डिंडौरी एवं सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग डिंडौरी को भी भेजी गई है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यह मामला केवल पारिवारिक विवाद नहीं बल्कि मानसिक शोषण और संपत्ति के दुरुपयोग से जुड़ा संवेदनशील प्रकरण प्रतीत होता है। प्रशासन द्वारा अब इस मामले की प्रारंभिक जांच शुरू किए जाने की संभावना जताई जा रही है।









