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Dindori News: मैनपुरी के ललित परस्ते ने रचा इतिहास, असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा में सामान्य श्रेणी में हासिल की 24वीं रैंक

akvlive.in

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डिंडौरी। संसाधनों की कमी कभी सपनों की उड़ान को रोक नहीं सकती, इसे साबित कर दिखाया है अमरपुर विकासखंड के मैनपुरी गांव के किसान परिवार के होनहार पुत्र ललित परस्ते ने। ललित ने मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा 2022 में सामान्य श्रेणी में प्रदेशभर में 24वीं रैंक प्राप्त कर जिले और आदिवासी समाज का नाम रोशन किया है।

ललित के पिता फूलचंद परस्ते और माता श्यामकली परस्ते पेशे से किसान हैं। सीमित साधनों और आर्थिक चुनौतियों के बीच ललित ने अपनी पढ़ाई जारी रखी। गांव के सामान्य स्कूल से शुरुआती पढ़ाई के बाद उनका चयन जवाहर नवोदय विद्यालय में हुआ, जहाँ से उन्होंने अपनी प्रतिभा को निखारा। इसके बाद उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से अपनी उच्च शिक्षा पूरी की।

ललित ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता के त्याग, शिक्षकों के मार्गदर्शन और दोस्तों के सहयोग को दिया है। उनका कहना है कि कठिन परिस्थितियों में परिवार और गुरुजनों का विश्वास ही उनकी सबसे बड़ी ताकत बना। ललित ने बताया कि पढ़ाई के दौरान कई बार आर्थिक तंगी और संसाधनों की कमी ने रास्ता रोका, लेकिन उन्होंने हार मानने के बजाय चुनौतियों को अपना लक्ष्य बना लिया।

ललित की इस ऐतिहासिक सफलता से पूरे गांव में खुशी का माहौल है। जब वे पहली बार असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के बाद गांव लौटे तो परिवार और ग्रामीणों ने ढोल-नगाड़ों के साथ उनका जोरदार स्वागत किया। गांव के लोगों ने मिठाइयाँ बांटकर एक-दूसरे को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

गांव के बुजुर्गों का कहना है कि ललित की सफलता से न सिर्फ गांव के युवाओं को बल्कि पूरे जिले के आदिवासी समाज को नई दिशा मिलेगी। उनकी कहानी यह सिखाती है कि यदि संकल्प मजबूत हो तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता।

ललित अब आने वाले समय में अपने जैसे ग्रामीण और आदिवासी विद्यार्थियों को भी आगे बढ़ने की प्रेरणा देना चाहते हैं। वे कहते हैं कि शिक्षा ही सशक्त समाज की नींव है और हर बच्चे को इसे पाने का अवसर मिलना चाहिए।

ललित की सफलता से मैनपुरी गांव आज गर्व से सर ऊँचा किए खड़ा है और जिले में यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि किसान का बेटा भी अपनी मेहनत और लगन से ऊँचाइयों को छू सकता है।

Chetram Rajpoot

चेतराम राजपूत मध्यभूमि के बोल समाचार पत्र के संपादक हैं। 2013 से इस दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने madhyabhoomi.in को विश्वसनीय समाचार स्रोत बनाया है, जो मुख्यधारा की मीडिया से अलग, विकास, समानता, आर्थिक और सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित है। हम सच्चाई और पारदर्शिता में विश्वास रखते हैं। मीडिया की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए सतत प्रयासरत हैं। बेखौफ कलम... जो लिखता है बेलिबास सच..

Chetram Rajpoot

चेतराम राजपूत मध्यभूमि के बोल समाचार पत्र के संपादक हैं। 2013 से इस दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने madhyabhoomi.in को विश्वसनीय समाचार स्रोत बनाया है, जो मुख्यधारा की मीडिया से अलग, विकास, समानता, आर्थिक और सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित है। हम सच्चाई और पारदर्शिता में विश्वास रखते हैं। मीडिया की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए सतत प्रयासरत हैं। बेखौफ कलम... जो लिखता है बेलिबास सच..