– बीज वितरण के तहत करोड़ों के घोटाले में पहला पन्ना खुला
– आवेदक रूपभान पाराशर के शिकायत पर हुई कार्रवाई
Dindori News, डिंडौरी न्यूज। डिंडौरी जिले में भ्रष्टाचार किस कदर व्याप्त हैं इसके एक नहीं बल्कि हजारों मामला सामने है, आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले में कागजों में विकास तेज रफ्तार से दौड़ रहा है वहीं जमीनी हकीकत में सरकारी दावे शून्य हैं। बीज वितरण में हुए धांधली और भ्रष्टाचार के मामले में EOW ने शिकंजा कसा है। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) जबलपुर ने डिंडौरी जिले के मेहंदवानी विकासखण्ड में करोड़ों रुपये के बीज वितरण घोटाले में तीन कृषि अधिकारियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है। शिकायत और जांच के अनुसार, वर्ष 2021-22 में Targeting Rice Fallow Area (TRFA) योजना के तहत चना और मसूर के बीज वितरण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया।
जांच में सामने आया कि वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी हेमंत मरावी द्वारा 728 वास्तविक कृषकों को 546 क्विंटल चना बीज वितरित किया गया, लेकिन इसके अतिरिक्त 372 फर्जी किसानों की सूची बनाकर 276.75 क्विंटल चना बीज वितरण दर्शाया गया। इसी तरह, 305 किसानों को 121.5 क्विंटल मसूर बीज वितरण के साथ-साथ 295 फर्जी किसानों की सूची तैयार कर 118 क्विंटल बीज का वितरण कागजों पर दिखाया गया।
स्टॉक रजिस्टर के अध्ययन में स्पष्ट हुआ कि ये बीज कार्यालय में कभी आए ही नहीं थे। यह फर्जीवाड़ा तत्कालीन उप संचालक कृषि अश्विनी झारिया और शाखा प्रभारी (सेवानिवृत्त) इंदरलाल गौरिया के निर्देश पर किया गया।
कुल मिलाकर ₹30,39,575 की सरकारी राशि का गबन पाया गया। जांच के उपरांत आरोप प्रमाणित पाए जाने पर अश्विनी झारिया (तत्कालीन उप संचालक कृषि), इंदरलाल गौरिया (शाखा प्रभारी, सेवानिवृत्त) और हेमंत मरावी (वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी) के विरुद्ध धारा 120बी, 409, 420, 467, 468, 471 भादवि एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं 7(c), 13(1)(b), सहपठित 13(2) के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया गया है।