नई दिल्ली : देश में लगातार हो रहे पेपर लीक ने लाखों छात्रों और उनके परिवारों को गहरे तनाव और अनिश्चितता में डाल दिया है। हाल ही में 6 राज्यों में हुई परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक होने से 85 लाख से अधिक छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ गया है। इस गंभीर मुद्दे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार को घेरते हुए सवाल उठाए हैं।
राहुल गांधी ने कहा, “पेपर लीक मेहनती छात्रों के सपनों को तोड़ता है और उन्हें अन्याय का शिकार बनाता है। यह अगली पीढ़ी को यह गलत संदेश देता है कि बेईमानी, मेहनत से ज्यादा ताकतवर हो सकती है, जो पूरी तरह अस्वीकार्य है।”
उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले साल हुए NEET पेपर लीक के बाद सरकार ने नया कानून लाकर समाधान का दावा किया था, लेकिन हाल के मामलों ने इसे पूरी तरह विफल साबित कर दिया है।
सिस्टम फेलियर का नतीजा – सख्त कार्रवाई की जरूरत
विशेषज्ञों का मानना है कि यह केवल प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि सिस्टमेटिक फेलियर है। इसके खात्मे के लिए सभी राजनीतिक दलों और सरकारों को मतभेद भुलाकर कड़े कदम उठाने होंगे। राहुल गांधी ने कहा, “यह कोई मामूली घटना नहीं है, बल्कि देश की शिक्षा व्यवस्था पर सीधा हमला है। परीक्षाओं की गरिमा बनाए रखना बच्चों का अधिकार है और इसे हर हाल में सुरक्षित किया जाना चाहिए।” देशभर में छात्र संगठनों ने भी इस मुद्दे को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। अब सवाल यह है कि क्या सरकार इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए ठोस कदम उठाएगी, या फिर छात्रों का भविष्य यूं ही लीक होता रहेगा?