– 15 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति के विरुद्ध खर्च किया 53 लाख रुपए..?
– आजीविका मिशन में व्याप्त है भारी भ्रष्टाचार, सघन जांच में खुलेगा राज..?
डिंडौरी। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत अजीविका दीदी कैफे संचालन में वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत पर जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आजीविका मिशन विकासखंड डिंडौरी के ब्लॉक प्रबंधक श्री टी.के. दास की संविदा सेवा को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया है। यह कार्रवाई जनसुनवाई के दौरान प्राप्त शिकायत एवं विस्तृत जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई है।
जन सुनवाई दिनांक 28 अक्टूबर 2025 को कलेक्टर कार्यालय में प्राप्त शिकायत में बताया गया कि शाहपुर स्थित बहुरानी स्वयं सहायता समूह को कैफे संचालन हेतु 15 लाख रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई थी। किंतु समूह की केशबुक जांच में 53,49,752 रुपये के व्यय का खुलासा हुआ, जो स्वीकृत राशि से कई गुना अधिक है और वित्तीय प्रावधानों के विरुद्ध है। अतिरिक्त राशि ग्राम संगठन से ऋण रूप में लेकर खर्च की गई, जिसकी सूचना एवं नियंत्रण नोडल अधिकारी श्री दास की जिम्मेदारी के अंतर्गत आता था।
जिला पंचायत द्वारा 31 अक्टूबर, 10 नवंबर एवं 27 नवंबर 2025 को दास को कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर जवाब तलब किया गया। समुचित अवसर दिए जाने के बावजूद उनके उत्तर असंतोषजनक पाए गए। इसके पश्चात तीन सदस्यीय जांच दल गठित किया गया, जिसमें दास न तो पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत कर सके और न ही जांच में सहयोग किया। जांच अवधि में उनके व्यवहार एवं दस्तावेजों की अनुपलब्धता से शिकायत सही पाई गई।
प्रशासनिक रिकॉर्ड में यह भी दर्ज है कि श्री दास को पूर्व में भी 5 बार कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन उनके द्वारा न तो संतोषजनक उत्तर दिए गए और न ही कार्यप्रणाली में सुधार किया गया। जांच दल की रिपोर्ट में उनके विरुद्ध घोर लापरवाही, उदासीनता, स्वेच्छाचारिता तथा संविदा शर्तों का उल्लंघन सिद्ध हुआ।
इन तथ्यों के आधार पर कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन भदौरिया ने मध्यप्रदेश शासन की संविदा सेवा मार्गदर्शिका–2023 तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की संविदा नीति–2020 के प्रावधानों के अंतर्गत श्री त्रिभुवेन्द्र कुमार दास, विकासखंड समन्वयक, मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन डिंडौरी की संविदा सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी है।
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि शासन की योजनाओं में अनियमितता, जवाबदेहीहीनता एवं वित्तीय अनुशासनहीनता को किसी भी स्तर पर सहन नहीं किया जाएगा। जिला प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई प्रशासनिक पारदर्शिता एवं सुव्यवस्थित कार्यप्रणाली की दिशा में महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखी जा रही है।








