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Mp News : IDCS इंडिया ने 05 जिलों में किया खेल: निवेशकों से करोड़ों रुपए की ठगी,अनूपपुर पुलिस ने मास्टरमाइंड को किया गिरफ्तार 

akvlive.in

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– निवेशक की शिकायत पर करोड़ो की ठगी का खुलासा,  अनूपपुर पुलिस अधीक्षक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी जानकारी, मालिक सहित कैशियर गिरफ्तार 
– डिंडौरी जिले में फर्जी बैंक संचालन का मध्यभूमि वेबसाइट ने प्रमुखता से किया था खुलासा…पुलिस महकमा के खामोशी से जमकर चला ठगी का कारोबार 
– आखिर किसके संरक्षण में डिंडोरी शहर में खुला लग्जरी ऑफिस, निवेशकों से ठगी का जिम्मेदार कौन…? 
Dindori News, डिंडौरी न्यूज। आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिला लंबे समय से ठगों के निशाने पर रहा है, बात चाहे चिटफंड कंपनियों की हो या फिर नौकरी के नाम पर बेरोज़गारो से ठगी की हो… या फिर जल्द फायदे का सब्जबाग दिखाकर लोगों से सायबर ठगी के मामलें हो .. पीड़ित कभी शिकायत करने आगे नहीं आते हैं।  फर्जी कंपनी IDCS इंडिया बैंक के संचालकों ने डिंडौरी में भी बड़ी ठगी को अंजाम दिया है, सूत्रों की माने तो कम से कम 4 करोड़ रुपए डिंडोरी शाखा में निवेशकों ने जमा कराए थे।
पूर्व में प्रकाशित समाचार

Dindori News : जमा राशि दोगुना करने का झांसा देकर करोड़ों का निवेश,आईडीसीएस इंडिया पर उठ रहे सवाल..? 

डिजिटल युग और सूचना क्रांति के दौर में  नगर के मध्य स्थित आलीशान भवन में भव्य कार्यालय संचालित कर बेखौफ  फर्जी बैंक संचालन किया जा रहा था लेकिन शासन प्रशासन को कंपनी के वैधता और बैंकिंग लायसेंस सहित आरबीआई के गाइडलाइंस की जानकारी ही नहीं लगी, जिला मुख्यालय में करोड़ों की वित्तीय गतिविधियों पर शासन के खुफिया तंत्र, बैंकिंग तंत्र और जनता के हितों के संरक्षकों को भनक तक नहीं लगी और करोड़ों रुपए ठगी का कारोबार हो गया..यह जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका पर  बड़ा सवाल है..?
एफडी और जमा धन में मोटा मुनाफा कमाने दावा करने वाली IDCS इंडिया कंपनी के कर्ता धर्ता आखिरकार ऑफिस में ताला लगाकर रफूचक्कर हो गए है, डिंडोरी में चल रहे फर्जी वित्तीय गतिविधियों को लेकर मध्यभूमि वेबसाइट द्वारा प्रमुखता से प्रकाशित कर शासन को आगाह किया गया था लेकिन स्थानीय प्रशासन ने मामले की जांच या IDCS संस्था की वैधता जांचने तक की कोशिश नहीं की जिससे स्थानीय अधिकारियों पर सांठगांठ जैसे आरोप चर्चा में है, सूत्रो की माने तो कई अधिकारियों ने भी पैसा दोगुना करने के लालच में लाखों रुपए जमा कराया था।
अनूपपुर पुलिस ने कसा शिकंजा, 22 वर्षीय सीईओ योगेश श्रीवास सहित केशियर गिरफ्तार
मध्यप्रदेश के पांच जिलों में चल रहे एक बड़े फाइनेंशियल फ्रॉड का खुलासा अनूपपुर पुलिस ने किया है। IDCS इंडिया नामक फर्जी बैंकिंग संस्था ने लोन और फिक्स्ड डिपॉजिट के नाम पर निवेशकों से करोड़ों रुपये हड़प लिए। ठगी के इस जाल में करीब 81 निवेशक फंसे। पुलिस ने सीईओ योगेश श्रीवास और ब्रांच मैनेजर दीपक उपाध्याय को गिरफ्तार कर लिया है। मामले में अब और भी गिरफ्तारियां संभव हैं।
CEO योगेश श्रीवास
– फाइनेंशियल जाल में फंसे 81 निवेशक
अनूपपुर निवासी अभिजीत सिंह की शिकायत से मामले उजागर हुआ। इसके बाद पुलिस अधीक्षक अनूपपुर  के निर्देश पर टीम गठित की गई। जांच में सामने आया कि आरोपी योगेश श्रीवास IDCS इंडिया लिमिटेड के नाम से लोन और फिक्स्ड डिपॉजिट के नाम पर मोटा ब्याज देने का झांसा देकर निवेश कराता था। अनूपपुर के अलावा डिंडोरी, अनूपपुर, मंडला, बालाघाट, इंदौर, में भी संस्था ने दफ्तर खोल रखे थे।
फर्जी दस्तावेज तैयार कर लोगों को दिया ज्यादा ब्याज का झांसा
प्रकरण में गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि 13 अक्टूबर 2023 को योगेश श्रीवास ने फाइनेंशियल कंसल्टेंसी पर्सनल बिजनेस और होम लोन सपोर्ट का काम किए जाने के लिए आईडीसीएस इंडिया नाम से जी.एस.टी. रजिस्ट्रेशन कराया एवं कंपनी का पेन नम्बर प्राप्त किया। साथ ही कॉर्पोरेट मंत्रालय से इसका रजिस्ट्रेशन कराया गया। कंपनी को केवल वित्तीय परामर्श देने की अनुमति थी, लेकिन आरोपियों ने निवेशकों से आईडीसीएस इंडिया का स्टेट बैंक ऑफ मारीसस से अनुबंधित होने के फर्जी दस्तावेज तैयार कर ऊंची ब्याज दर का लालच देकर फिक्स डिपाजिट कराई। योगेश श्रीवास निवासी मण्डला ने पहले डिण्डौरी में इसके उपरांत मण्डला, बालाघाट, अनूपपुर एवं इन्दौर जिलो में विभिन्न स्थानों पर किराए से भवन लेकर आफिस खोले।
जब्त किए गए बैंक से संबंधित दस्तावेज
शनिवार की शाम कोतवाली पुलिस ने आईडीसीएस इंडिया के कार्यालय की तलाशी में एफ.डी. एवं लोन के कई दस्तावेज स्मार्ट फोन, 5 लैपटाप, 2 प्रिन्टर, बैंक चेक, स्टेट बैंक आफ मारीसिस के फर्जी तैयार बैकिंग फार्म विभिन्न बिल, स्टेशनरी सामान जब्त किए। अभी तक की विवेचना में 81 निवेशकों से कुल 1 करोड़ 51 लाख रूपए धोखाधड़ी कर अर्जित किये जाने के रिकार्ड पुलिस को मिले हैं। मुख्य आरोपी योगेश श्रीवास ने निवेशकों की गाढी कमाई से प्राप्त धनराशि से 20 लाख रूपए की महंगी लक्जरी कार, साढ़े तीन लाख रूपए की मोटर सायकल, पांच लाख रूपए के सोने के जेवरात, मण्डला में पचास लाख रूपए का आवासीय प्लाट खरीद चुका है। इन्हें जब्त करने की कार्रवाई में पुलिस जुटी है। साथ ही निवेशको से अर्जित धनराशि से ही अनूपपुर सहित डिण्डौरी, मण्डला, बालाघाट एवं इन्दौर में किराए के कार्यालय में महंगा आफिस सेटअप तैयार करना बताया गया। पुलिस ने आरोपियो के सभी एकाउंट सीज करा दिए हंै।
53 लोगों को नौकरी पर रखा, वेतन भी नहीं दिया
आरोपियों ने फर्जी बैंक का संचालन पांच जिलों में प्रारंभ किया और यहां बैंक स्टाफ के रूप में 53 लोगों की नियुक्ति की। जिनकी नियुक्ति की गई उन्हें भी यह नहीं बताया गया कि यह बैंक फर्जी है और उन्हें कुछ दिनों में वेतन मिल जाने की बात कहकर कार्य लेते रहे।

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