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बंदरबाट का नमूना: गांव में लगे मात्र 30 सोलर स्ट्रीट लाईट, 68 यूनिट का भुगतान क्यों..?

akvlive.in

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– सरपंच पति कर रहा सरपंची, कागजों में गांव का विकास और हक़ीक़त में अपना विकास कर रहें जिम्मेदार 

– ऊर्जा विभाग द्वारा जारी गुणवत्ता मानक और क्रय प्रक्रिया को दिखाया ठेंगा..?

डिंडौरी न्यूज। जिले की ग्राम पंचायत मझियाखार में विगत दिनों पंचायती खजाने से चाय नाश्ता और बीजेपी जिलाध्यक्ष के आगमन के नाम पर हजारों रुपए व्यय करने का मामला प्रदेश में सुर्खियां बटोर रहा है, चाय नाश्ता के नाम पर सरकारी पैसों की दुरूपयोग का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था,एक और बड़ा घोटाला सामने आया है।

मझियाखार के सरपंच, सचिव के द्वारा पांचवें वित्त योजना से बगैर सक्षम स्वीकृति के मनमानी पूर्वक सोलर लाईट खरीदी में फर्जीवाड़ा करते हुए लाखों रुपए का गोलमाल करने का मामला सामने आया है ।

ग्राम पंचायत के पोर्टल से वंश सोलर एनर्जी, सुदामा नगर जबलपुर को 68 सोलर लाईट खरीदी के नाम पर प्रति यूनिट 9820.50 रु की दर से 28/06/2025 को 789000 हजार रुपए का एक मुश्त भुगतान किया गया है। ग्राम पंचायत के उप सरपंच ने बताया कि गांव में 30 सोलर लाईट लगाए गए हैं, वहीं सचिव सीता गौतम का भी कहना है कि 30 सोलर लाईट लगाए गए हैं। बड़ा सवाल यह है कि जब 30 सोलर लाईट यूनिट लगाए गए तो 38 नग अधिक का किस आधार पर और क्यों 68 नग का भुगतान किया गया है, यह समझ से परे है।

फर्जीवाड़े कर सरकारी खजाने में सरेआम डकैती डालते हुए ग्राम विकास की राशि बेखौफ दुर्व्यय किया जा रहा है, जिससे जन चर्चा है कि नीचे से लेकर ऊपर तक लूट की माल बंटवारा हो रहा है। ग्रामीणों के दावों पर सच्चाई है या नहीं यह तो जिले के अधिकारी और सरपंच सचिव ही बता सकते हैं..?

– नियम प्रक्रिया और गुणवत्ता, दरकिनार,कमीशन पहले की तर्ज पर खरीदी

ग्राम पंचायत सचिव सीता गौतम से जब सोलर लाईट के खरीदी प्रक्रिया और गुणवत्ता को लेकर जानकारी चाहिए गई तो उन्होंने बताया कि सरपंच पति के कहने पर सोलर लाईट लगाए गए हैं, सोलर लाईट की गुणवत्ता और कितने वॉट की लगाई गई है इसकी जानकारी नहीं है,30 यूनिट सोलर लाईट का भुगतान किया गया है। इस तरह से जिम्मेदार पंचायत के करिंदे ग्राम विकास के नाम पर शासन को चपत लगाते हुए अपना विकास कर रहे हैं।

ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर बताया कि सरपंच पति द्वारा खुद सरपंची करते हुए मनमानी पूर्वक पंचायत खजाने को पलीता लगाया जा रहा है, बात चाय नाश्ता या फिर सोलर लाईट की नहीं है, पंचायत की समस्त निर्णय सरपंच पति ले रहे हैं और अनाप शनाप खर्च के नाम सरकारी खजाने को खाली कर रहे हैं।

इस संबंध में  पंचायत विभाग का पक्ष जानने के लिए जनपद पंचायत सीईओ मुंशीलाल धुर्वे को कई बार फोन लगाया गया लेकिन उन्होंने कोई उत्तर नहीं दिया, मामले पर जिला पंचायत सीईओ अनिल कुमार राठौर का कहना है कि मामले की जानकारी मिली है,जांच कर समुचित कार्रवाई की जाएगी। इस तरह से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के उदासीन अधिकारियों की गैर जिम्मेदाराना रवैया से भ्रष्टाचार चरम पर हैं।

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