डिंडौरी। जनपद पंचायत डिंडौरी अंतर्गत ग्राम पंचायत कनाईसांगवा में सीसी रोड निर्माण कार्य में भारी अनियमितता सामने आई है। ग्राम पंचायत द्वारा आगनबाड़ी भवन से शनि मंदिर तक पांचवें वित्त आयोग के तहत स्वीकृत ₹4.32 लाख की लागत से 100 मीटर लंबी सड़क बननी थी, लेकिन जिम्मेदारों ने नियमों को ताक पर रखकर केवल 80 मीटर लंबी सड़क का निर्माण कराया।
चौंकाने वाली बात यह है कि शेष 20 मीटर क्षेत्र में सड़क निर्माण की आवश्यकता न होने के बावजूद पंचायत द्वारा साइड में दोबारा सड़क बनाई जा रही है। इससे सरकारी धन के दुरुपयोग का गंभीर आरोप सरपंच और सचिव पर लगाया जा रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि संबंधित उपयंत्री भी मामले में लापरवाह हैं और मिलीभगत कर सरकारी राशि का बंदरबांट किया जा रहा है।

सूचना पटल गायब, पारदर्शिता पर सवाल
निर्माण स्थल पर सूचना पटल भी नहीं लगाया गया है, जिससे आमजनता को कार्य की लागत, स्वीकृत मद एवं अन्य आवश्यक जानकारियों से वंचित रखा गया है। जबकि कलेक्टर नेहा मारव्या के निर्देशानुसार प्रत्येक निर्माण स्थल पर सूचना पटल लगाना अनिवार्य है। आदेशों की इस अवहेलना से यह संदेह और गहरा गया है कि जिम्मेदारों ने जानबूझकर सूचनाएँ छिपाई हैं।
जांच के आदेश, गड़बड़ी पर होगी सख्त कार्रवाई
इस मामले में जनपद पंचायत डिंडौरी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी निखिलेश कटारे ने कहा है, “जांच टीम बनाकर सड़क निर्माण कार्य की गहन जांच कराई जाएगी। यदि गड़बड़ी पाई गई तो दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करते हुए रिकवरी की जाएगी।”
ग्रामवासियों ने भी मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। यदि आरोप सही साबित होते हैं, तो यह ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों में हो रहे भ्रष्टाचार का एक और काला अध्याय साबित होगा।