डिंडौरी न्यूज। देश और मध्यप्रदेश का सबसे पिछड़ा डिंडौरी जिले का सबसे पिछड़ा माने जाने वाला विकास खंड बजाग में करप्शन के बड़े बड़े मामलें जिम्मेदारों की कृपा से फाइलों में दफन है। यूं तो बजाग जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायतों में प्रतिवर्ष मनरेगा में सर्वाधिक बजट व्यय करते हुए बड़ी तादात में कार्य कराए जा रहे हैं, जिनकी हालात बनते ही जर्जर या अनुपयोगी साबित होते हैं, लेकिन गांव और ग्रामीणों की विकास के नाम पर तकनीकी अधिकारी उपयंत्री और एसडीओ कार्य स्वीकृत करने से लेकर कार्य पूर्ण होने तक किश्त दर किश्त कमीशन लेते हैं जिससे कार्यों की गुणवत्ता की स्थिति बद से बदतर हो रही हैं।
चेकडैम, स्टॉप डेम, पुल पुलिया समेत तमाम पक्के कार्यों की तकनीकी प्राक्कलन में निर्धारित मानकों का पालन करना तो दूर बल्कि निर्माण कार्यों में गुणवत्ता बनाए रखने का औपचारिकता तक जिम्मेदार नहीं निभा रहे हैं, मापपुस्तिका और बिल में उपयंत्री आंख बंद कर शत प्रतिशत मूल्यांकन दर्ज कर मोटी मलाई समेट रहे हैं, जबकि मनरेगा के जिला समन्वयक कलेक्टर सहित अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी जिला पंचायत सीईओ महज दफ्तरों में समीक्षा बैठक कर कर्तव्यों की इतिश्री कर रहे हैं, जिसके कारण जिले भर में निर्माण कार्यों के नाम भ्रष्टाचार और बंदरबाट का खेल खुलेआम चल रहा है।
– बगैर बेस का कराया 15 लाख रुपए का चेकडैम निर्माण, मेन बॉल बहा
फर्जीवाड़ कर मनमानी मापपुस्तिका और बिल तैयार करते हुए भ्रष्टाचार और बंदरबाट किए जाने का नया मामला बजाग जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत दुल्लोपुर का सामने आया है। वित्तीय वर्ष 2021- 22 में रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत सुरई नाला दुल्लोपुर में 14 लाख 98 हजार रुपए की लागत से चेकडैम निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया था, घटिया और मानक विरुद्ध कार्य कराए जाने के चलते चेकडैम टूट गया है, लेकिन भ्रष्टाचार और बंदरबाट करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही करने की बजाय मामले पर पर्दा दारी करने पर जुटे हैं।