डिंडौरी न्यूज़। डिंडौरी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत सारसताल के सरपंच एवं सचिव द्वारा 15 वें वित्त के तहत आवंटित राशि का नियम विरुध्द तरीके से भुगतान करने का मामला सामने आया है, शासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों की धज्जियां उड़ाते हुए पदस्थ सचिव मिलन सिंह के द्वारा मनमानी पूर्वक ऑफिस व्यय के नाम पर 2 लाख 25 हजार रु, फोटो कॉपी के नाम पर एक लाख रुपये,अन्य व्यय के नाम पर 15 वें वित्त की राशि का खुलकर बंदरबांट किया गया है ।
सचिव का राजनीतिक रसूख और अधिकारियों का संरक्षण के चलते सचिव के हौसले बुलंद हैं,जिसके चलते खुलकर शासकीय राशि को नियम विरुध्द तरीके से खुर्दबुर्द किया जा रहा है। केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों के मनमानियों पर अंकुश लगाने निर्माण कार्यो भौतिक स्थिति और व्यय भुगतान की प्रक्रिया को डिजिटल किया गया है, जिससे आम नागरिकों सहित शासन -प्रशासन ऑनलाइन निगरानी करते हुए कार्यो की वस्तु स्थिति देख सकें, लेकिन शासन की मंशा पर पानी फेरते हुए सचिव द्वारा जियो टैग और कार्य स्थल समेत प्रगति की फोटो अपलोड करने की वजाय अंधेरे की फोटो अपलोड कर गड़बड़ी को अंजाम दिया जा रहा है।



ऐसे में सवाल उठता है कि नियम निर्देशो की धज्जियां उड़ाने वाले सचिव पर उच्च अधिकारियों की कृपा आखिर क्यों बनी हुई हैं, इन्हें ग्राम पंचायत डांडविदयपुर सहित ग्राम पंचायत सारसताल का दोहरा प्रभार सौंपा गया है, सचिव मिलन सिंह प्रभार की दोनों ग्राम पंचायतो में मनमानी करते हुए शासन की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रहे हैं, वही मामला उजागर होने के बाद जनपद पंचायत सीईओ निखिलेश कटारे हमेशा रटा रटाया जवाब देते हैं कि जांच के लिए समिति गठित की गई है.. लेकिन जांच समिति की रिपोर्ट और कार्रवाई सदैव अंधेरे में ही दफन हो जाते हैं।