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जैन समाज ने निकाली जिनवाड़ी की शोभा यात्रा

akvlive.in

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डिण्डौरी | विगत दिवस डिण्डौरी नगर में विराजमान जैन मुनि द्वय श्री प्रक्षाल सागर जी एवं श्री रत्नत्रय मुनि महाराज जी की सान्निध्य में जैन समाज ने जैन ग्रंथ (जिनवाड़ी अर्थात् जिनेन्द्र देव की वाणी) पालकी में विराजमान कर बाजे गाजे के साथ नगर में भव्य शोभा यात्रा निकाली जैन समाज में ज्येठ सुदीप पंचमी अर्थात् श्रुत पंचमी का विशेष महत्व है क्योंकि चतुर्थ काल में निर्ग्रंथ साधुओं का ह्यस होने लगा था जिससे भविष्य में जैन सिद्धांत विलुप्त न हो जाये तब आचार्य भूतवली नामक निर्ग्रन्थ मुनि श्री ने जिनवाड़ी नामक ग्रन्थ को लिपिबद्ध किया था जो कि जैन समाज के लिए पूज्य है और उसी के सिद्धांतो पर जैन समाज धार्मिक क्रियायें करता है।

इस अवसर पर जैन समाज ने बैण्ड बाजे के साथ पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन बड़ा मंदिर से भव्य शोभा यात्रा निकाली गई जो नगर में भ्रमण करते हुए कांच मंदिर पहुंची और वापिस पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में समाप्त हुई। तदुपरांत दोनों मुनि श्री के सान्निध्य में श्रुत पंचमी विधान सम्पन्न हुआ  4  बजे नगर में विगत दो माह से प्रवासरत् मुनि श्री जी का मंगल विहार जबलपुर की ओर हो गया। मुनि श्री की आहार चर्या 13.06.2024 को बरगांव (शहपुरा) में होगी मुनि श्री की गमन (विहार) की दिशा जबलपुर की ओर संभावित है।