डिंडौरी। विकासखंड बजाग के शिक्षा विभाग में एक के बाद एक अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोपों ने क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। विकासखंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) तीरथ परस्ते पर पद का दुरुपयोग करने, वित्तीय अनियमितता, पक्षपातपूर्ण नियुक्तियाँ करने और विभागीय जांचों को प्रभावित करने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। वहीं, इन मामलों को उजागर करने वाले एक पत्रकार को कथित रूप से बीईओ द्वारा एक करोड़ रुपये की मानहानि का मुकदमा करने की धमकी देने का मामला भी सामने आया है।
कलेक्टर से की गई लिखित शिकायत
जानकारी के अनुसार, इन सभी अनियमितताओं को लेकर स्थानीय नागरिकों और शिक्षकों ने कलेक्टर डिंडौरी को लिखित शिकायत सौंपी है। शिकायत में बताया गया कि बीईओ तीरथ परस्ते ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए नियमों की खुलेआम अवहेलना की है।
शिकायत में यह भी उल्लेख है कि प्राथमिक शिक्षक सीता परस्ते, जो कि बीईओ की पत्नी हैं, को नियमों के विपरीत सीनियर बालिका छात्रावास की अधीक्षिका नियुक्त कर दिया गया। बाद में आदेश निरस्त होने के बावजूद वे अपने पति के साथ कन्या शिक्षा परिसर में अब भी डेरा जमाए हुए हैं।
छात्रावास में लिपाई-पुताई कराती दिखीं छात्राएं
मामले की शुरुआत उस समय हुई जब छात्रावास में रह रही बालिकाओं से लिपाई-पुताई कराए जाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। यह खबर कई समाचार पत्रों में प्रमुखता से प्रकाशित हुई थी, परंतु जांच अधूरी रह गई। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि जांच भी बीईओ की ओर से उनके ही परिजनों द्वारा कराई गई, जिससे पूरे मामले को दबाने का प्रयास हुआ।
अतिथि शिक्षकों की भर्ती में भारी अनियमितता
शिकायत में यह भी कहा गया है कि पिछले दो वर्षों में अतिथि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में भारी गड़बड़ी की गई। बीईओ द्वारा अपने परिचितों और शासकीय शिक्षकों के परिजनों को प्राथमिकता देते हुए नियमों को दरकिनार कर नियुक्ति दी गई।
श्रद्धा सोनी (माध्यमिक शाला विक्रमपुर)
कमल गायगवाल (उत्कृष्ट विद्यालय बजाग)
प्राथमिक शाला लमानटोला
माध्यमिक शाला दुललोपुर आदि विद्यालयों में मनमाने ढंग से चयन किए जाने की शिकायत दर्ज की गई है।
इसके साथ ही कई अतिथि शिक्षकों को जुलाई माह से ही मानदेय जारी कर दिया गया, जबकि उनकी नियुक्तियाँ अगस्त-सितंबर में हुईं। संकुल केंद्र चांडा, बजाग और उत्कृष्ट विद्यालयों में यह गड़बड़ी स्पष्ट बताई गई है।
बिना निविदा खरीदी और दो चेक पेमेंट का मामला
बीईओ पर बिना निविदा आमंत्रण के दूसरे जिले से सामग्री खरीदी कर सरकारी खजाने को नुकसान पहुँचाने का भी आरोप है। इस संबंध में जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा पत्र भी लिखा गया था, परंतु अब तक कोई जांच नहीं की गई। शिकायत के साथ चेक की प्रतियां और दस्तावेज भी संलग्न किए गए हैं।
छुट्टियों और नियुक्तियों में नियमों की अनदेखी
प्राथमिक शाला भुरसी में शिक्षिका निधि सोनी को सात वर्ष के बच्चे की देखभाल के नाम पर छह माह से लगातार सीसीएल अवकाश दिया गया है, जो नियमों के विपरीत बताया जा रहा है। वहीं, प्राथमिक शाला अमोरीटोला में मात्र 11 बच्चों पर तीन शिक्षकों को तैनात किया गया है, जिसमें वचन मरावी, यशोदा और अतिथि शिक्षक संतोष परस्ते शामिल हैं।
भिंड-मुरैना से बुलाए शिक्षक
आरोप यह भी है कि बीईओ ने स्थानीय शिक्षकों की अनदेखी करते हुए भिंड-मुरैना से शिक्षकों को बुलाकर माध्यमिक शाला बौना में नियुक्त किया, जबकि क्षेत्र के कई शिक्षित बेरोजगार आदिवासी शिक्षक नियुक्ति की प्रतीक्षा में हैं।
पत्रकार को धमकी देने का आरोप
सबसे गंभीर आरोप यह है कि जब स्थानीय पत्रकार सतीश बघेल और अमित साहू ने इन सभी मामलों पर खबर प्रकाशित की, तो बीईओ तीरथ परस्ते ने उन्हें धमकाते हुए एक करोड़ रुपये की मानहानि का मुकदमा करने की बात कही, ताकि उनकी मनमानी उजागर न हो सके और मीडिया पर दबाव बनाया जा सके।
न्यायिक जांच और कार्रवाई की मांग
शिकायतकर्ताओं ने कलेक्टर से मांग की है कि बीईओ तीरथ परस्ते को तत्काल पद से हटाकर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए। साथ ही दोषी अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था में सुधार हो सके और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगे।
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