डिंडौरी न्यूज़ । जिले में जिला स्तरीय प्रशासनिक/सुगमिकीकरण नीति के अंतर्गत किए गए स्थानांतरण के बावजूद नवीन शाला में कार्यभार ग्रहण न करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई के संकेत दिए गए हैं। इस संबंध में सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग, डिंडौरी द्वारा समस्त विकासखंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं।
स्थानांतरण आदेश के बावजूद नवीन पदस्थापन शाला में उपस्थिति दर्ज न कराने वाले शिक्षकों पर जिला प्रशासन सख्त हो गया है। कलेक्टर कार्यालय, जनजातीय कार्य विभाग, ने सभी विकासखंड शिक्षा अधिकारियों (BEO) को निर्देश जारी करते हुए ऐसे शिक्षकों की सूची तीन दिवस के भीतर अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करने को कहा है, जिनका स्थानांतरण हो चुका है लेकिन वे अब तक अपने नवीन विद्यालय में कार्यभार ग्रहण करने नहीं पहुंचे हैं।
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जिन शिक्षकों ने स्थानांतरण के बाद भी नवीन शाला में योगदान नहीं दिया है, उनके विरुद्ध डाइस नान की कार्रवाई की जाएगी। ऐसे शिक्षकों के एंप्लॉय कोड को ट्रेजरी से डिसमैट कर दिया जाएगा, जिसका अर्थ यह होगा कि उस अवधि की सेवा को गणना में शामिल नहीं किया जाएगा और उनकी वरिष्ठता को भी शून्य मान लिया जाएगा।
सहायक आयुक्त ने इन शिक्षकों को एकतरफा कार्यमुक्त कर दिया है और BEOs को निर्देशित किया है कि ईएचआरएमएस (EHRMS) पोर्टल पर भी इन्हें कार्यमुक्त करते हुए माह जुलाई का वेतन निर्गत न किया जाए। जुलाई का वेतन केवल उन्हीं शिक्षकों को प्राप्त होगा, जिन्होंने अपनी नवीन शाला में समय पर कार्यभार ग्रहण कर लिया है।
प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि नवीन पदस्थापन शाला से ही भविष्य में वेतन आहरण होगा और चिकित्सीय अवकाश (मेडिकल लीव) की पात्रता भी वहीं से सुनिश्चित की जाएगी।
जिला प्रशासन का यह कदम शिक्षकों की जवाबदेही तय करने और समय पर पदस्थापना प्रक्रिया को सख्ती से लागू करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।