– डिंडौरी जिले के सतपाल और उमा ने ग्रीन हब फैलोशिप पूरी कर जिले का बढ़ाया मान
डिंडौरी न्यूज़। ज़िले के दो युवा सतपाल सिंह पंद्राम (सत्या परधान) और उमा वालाड़ी ने ग्रीन हब फैलोशिप सफलतापूर्वक पूरा कर जिले का नाम रोशन किया है। ग्राम चिचरिंगपुर निवासी सतपाल सिंह पंद्राम को कला और संस्कृति से गहरा लगाव है। उन्होंने ग्रीन हब फैलोशिप के माध्यम से आदिवासी युवाओं के लिए पर्यावरण संरक्षण, सतत आजीविका और सामाजिक बदलाव को लेकर वीडियो निर्माण को एक सशक्त माध्यम बनाया।
सतपाल पहले भी अपने समुदाय और प्राकृतिक सौंदर्यता से जुड़े छोटे-छोटे वीडियो बनाकर लोगों तक पहुंचाते रहे हैं। उनके इस कार्य को देखते हुए जिला प्रशासन ने उन्हें अपने कई अभियानों से जोड़ा, साथ ही 2023-24 के विधानसभा और लोकसभा चुनावों में उन्हें स्वीप आइकन बनाकर सम्मानित किया गया। राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक के रूप में भी सतपाल ने समाज और पर्यावरण के लिए उल्लेखनीय योगदान दिया है।
उनका कहना है कि ग्रीन हब फैलोशिप सिर्फ एक साल का कोर्स नहीं बल्कि एक आंदोलन है जो युवाओं को मीडिया के ज़रिए भविष्य के लिए ठोस पहल करने को प्रेरित करता है। फैलोशिप के बाद सतपाल अब समुदाय की संस्कृति और पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर और अधिक फ़िल्में बनाना चाहते हैं।
वहीं, समनापुर निवासी उमा वालाड़ी ने भी ग्रीन हब फैलोशिप पूरी कर फ़िल्म निर्माण के क्षेत्र में अपनी नई पहचान बनाई है। उमा कहती हैं कि सिनेमैटोग्राफी और एडिटिंग उनका जुनून है और वह एक बेहतरीन फ़िल्म निर्माता बनना चाहती हैं। वे भी सतपाल की तरह समुदाय के साथ मिलकर पर्यावरण संरक्षण पर फ़िल्में बनाना चाहती हैं।
डिंडोरी जिले के इन दो युवाओं ने यह साबित किया है कि सही दिशा और संकल्प से कोई भी युवा समाज और पर्यावरण के लिए बदलाव ला सकता है।