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Dindori News: एपीओ जिला पंचायत रामजीवन वर्मा की सेवा समाप्त,फर्जी प्रमाण पत्र से नियुक्ति के आरोप

– आरटीआई कार्यकर्ता पत्रकार अनिल पटेल ने की थी शिकायत – कलेक्टर के अनुमोदन पर सीईओ जिला पंचायत ने जारी किया आदेश ...

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Chetram Rajpoot

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– आरटीआई कार्यकर्ता पत्रकार अनिल पटेल ने की थी शिकायत
– कलेक्टर के अनुमोदन पर सीईओ जिला पंचायत ने जारी किया आदेश
डिंडौरी न्यूज। फर्जी और भ्रामक दस्तावेजों के आधार पर 16 सालों से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में पदस्थ सहायक परियोजना अधिकारी रामजीवन कुमार वर्मा की सेवा समाप्त कर दी गई है। इस बाबद मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ने कलेक्टर के अनुमोदन पर आदेश जारी किया है।
आदेश में आरटीआई कार्यकर्ता और पत्रकार अनिल पटेल द्वारा पेश की गई जानकारी के आधार पर की गई जांच में एपीओ रामजीवन वर्मा के दस्तावेजों की प्रामाणिकता को फर्जी पाने और एपीओ के कार्य को असंतोषजनक पाये जाने का उल्लेख किया गया है। गौरतलब है कि जिला पंचायत डिण्डौरी में पदस्थ सहायक परियोजना अधिकारी रामजीवन कुमार वर्मा की नियुक्ति वर्ष 2008 में पंचायत एवं ग्रामींण विकास विभाग से संविदा सहायक परियोजना अधिकारी के तौर पर हुई थी। जिस दौरान नियुक्ति प्राप्त करने के लिए रामजीवन वर्मा के द्वारा शैक्षणिक दस्तावेज और जाति प्रमाण पत्र सहित मूल निवासी प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत किये गये थे।
जाति प्रमाण पत्र के तौर पर डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट सदर जिला गया बिहार प्रदेष का 18 जून 1996 का जारी किया हुआ जाति प्रमाण पत्र जिसमें जाति वर्ग का उल्लेख होने के साथ बिहार प्रदेष का निवासी का भी उल्लेख किया गया है। वहीं मूल निवासी के तौर पर कार्यालय तहसीलदार शुजालपुर जिला शाजापुर मध्यप्रदेष द्वारा 14 अक्टूबर 1996 में जारी मूल निवासी प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया था। जाति प्रमाण पत्र और मूल निवासी प्रमाण पत्र में भिन्नता होने के साथ साथ महज चार माह के अंतराल में रामजीवन वर्मा बिहार प्रदेष से मध्यप्रदेष के निवासी बन गये ।
 आरटीआई में प्राप्त मूल निवासी प्रमाण पत्र जिसकी सत्यता जानने के लिए तहसील कार्यालय शुजालपुर में आरटीआई के तहत आवेदन प्रस्तुत किया गया था जिसके जबाव में कार्यालय तहसीलदार तहसील शुजालपुर जिला शाजापुर मध्यप्रदेष ने दिनांक 24 जून 2024 को आवेदक को पत्र प्रेषित किया जिसमें उल्लेख किया गया है कि रामजीवन कुमार वर्मा पिता श्री भागवत प्रसाद वर्मा को 14.10.1996 में जारी मूल निवासी प्रमाण पत्र के संबंध में न्यायालय नायब तहसीलदार शुजालपुर एवं न्यायालय तहसीलदार शुजालपुर के 1996-97 की दायरा पंजियों का अवलोकन किया गया लेकिन उल्लेखित 14.10.1996 को रामजीवन कुमार वर्मा के नाम का प्रकरण पंजीकृत होना नही पाया गया है। इससे साफ जाहिर था कि रामजीवन कुमार वर्मा द्वारा फर्जी मूल निवासी तैयार करवाकर शासकीय नौकरी पाने के लिए धोखधडी की गई है ।
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