डिंडौरी पॉक्सो कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को उम्रकैद
Dindori Crime News, डिंडौरी न्यूज़। डिंडौरी जिले की पॉक्सो कोर्ट ने आदिवासी समुदाय की एक नाबालिग बालिका से दुष्कर्म करने के मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही सात अलग-अलग धाराओं के तहत कठोर सजा और जुर्माने से भी दण्डित किया गया है।
– ये है पूरा मामला
घटना 11 नवम्बर 2023 की है। थाना गाड़ासरई क्षेत्र के एक गाँव में एक नाबालिग बालिका घर के बाहर खेल रही थी। उसकी माँ रसोई में चाय बना रही थी और पिता सो रहा था। इसी दौरान गाँव का ही आरोपी मोहम्मद रहमान कुरैशी उर्फ चांद (28 वर्ष), निवासी गोरखपुर, बालिका को “खरगोश दिखाने” के बहाने अपने घर ले गया।
बाद में जब बालिका नहीं दिखी, तो परिजन घबरा गए और खोजबीन शुरू की। पूछताछ पर सास ने बताया कि चांद उसे लेकर गया है। कुछ समय बाद गाँव के लोग बालिका को लेकर आए और बताया कि आरोपी ने उसे अपने घर में बंद कर उसके कपड़े उतारे और उसके साथ अश्लील हरकतें करते हुए दुष्कर्म किया।
– पुलिस एवं अभियोजन की कार्यवाही सराहनीय कार्यवाही
परिजनों की रिपोर्ट पर गाड़ासरई थाना पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए FIR दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया। पुलिस द्वारा की गई विवेचना में जुटाए गए साक्ष्यों के आधार पर मामला न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। मीडिया सेल प्रभारी एवं अभियोजन अधिकारी श्री मनोज कुमार वर्मा ने बताया कि विशेष न्यायालय में प्रस्तुत साक्ष्यों और अभियोजन की प्रभावी दलीलों के आधार पर न्यायालय ने आरोपी को दोषी मानते हुए कठोर दंड सुनाया।
डिंडौरी पॉक्सो कोर्ट ने सुनाई सजा
-विशेष न्यायाधीश श्री कमलेश कुमार सोनी (पॉक्सो कोर्ट, डिण्डौरी) द्वारा आरोपी को निम्नानुसार सजा सुनाई गई:
-IPC धारा 363 (अपहरण): 03 वर्ष कठोर कारावास व ₹1000 अर्थदंड
-IPC धारा 366 (बहला-फुसलाकर ले जाना): 05 वर्ष कठोर कारावास व ₹1000 अर्थदंड
-IPC धारा 342 (अवैध रूप से रोकना): 01 वर्ष कठोर कारावास व ₹1000 अर्थदंड
-IPC धारा 376AB (12 वर्ष से कम उम्र की लड़की से बलात्कार): 20 वर्ष कठोर कारावास व ₹10000 अर्थदंड
-पॉक्सो अधिनियम धारा 5(m)/6: 20 वर्ष कठोर कारावास व ₹10000 अर्थदंड
-SC/ST एक्ट धारा 3(2)(V): आजीवन कारावास व ₹10000 अर्थदंड
-SC/ST एक्ट धारा 3(1)(W)(i): 03 वर्ष कठोर कारावास व ₹1000 अर्थदंड
अर्थदंड अदा न करने की स्थिति में आरोपी को अतिरिक्त 01 से 02 माह का कठोर कारावास भुगतने के आदेश भी दिए गए हैं।
न्याय का संदेश
यह फैसला यह स्पष्ट करता है कि न्यायालय बालिकाओं की गरिमा और अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी कठोरता से खड़ा है। यह निर्णय पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के साथ-साथ समाज में एक दृढ़ संदेश देता है कि बच्चों के साथ यौन अपराध करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।