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Ground Report : नहर निर्माण के नाम पर लाखों रुपए की हेराफेरी,फर्मों को फर्जी भुगतान कर कार्य कराना भूले जिम्मेदार
नहर निर्माण हेतु मनरेगा से 1 करोड़ 12 लाख रुपये स्वीकृत , एक्यूगार्ड और दो पुलिया का अधूरा निर्माण करा 20 लाख रुपये का भुगतान, मिट्टी, मुरुम, के नाम फर्मों को फर्जी भुगतान
डिंडौरी। एक तरफ केंद्र एवं राज्य सरकार किसानों के उन्नति और आत्मनिर्भर बनाने के लिए तरह तरह से योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने का दावा करते हैं,वही वास्तविकता में सरकार और प्रशासन के वादे और दावे पर जिम्मेदार अधिकारी पलीता लगाते हुए नजर आ रहे हैं, एक तरफ सरकार सिचाईं सुविधा के विस्तार के नाम पर पानी की तरह पैसा खर्च कर रही हैं, वही दूसरी ओर क्रियान्वयन करने वाले जिम्मेदार अधिकारी विकास कार्यों के नाम पर फर्जी बिल बाउचर तैयार कर सरकार की मंशा पर पानी फेरते हुए स्वयं का विकास कर रहे हैं।
जल संसाधन विभाग के द्वारा 2021 -22 में बांध एवं नहरों के मरम्मत के नाम पर बड़े पैमाने पर मनरेगा योजना से कार्य स्वीकृत कर सामग्री के नाम पर फर्जीवाड़े का खेल बड़े स्तर पर खेला गया है। कुछ ऐसा ही मामला अमरपुर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत डुंडी सरई स्थित मुरता जलाशय के टैंक/नहर मरम्मत एवं नए नहर निर्माण के नाम पर लाखों रुपए का फर्जी भुगतान चहेते फर्मो को किया गया है।
सरकारी आंकड़ों में उलझा किसानों का विकास..?
सरकारी आंकड़ों के अनुसार मुरता जलाशय से जल संसाधन विभाग 408 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित किये जाने का लक्ष्य एवं 357 हेक्टेयर भूमि सिंचित किये जाने का दावा है,जबकि जमीनी हकीकत विभागीय दावे के विपरीत है,डुंडी सरई में कराये गए नहर में अंतिम छोर तक पानी नही पहुंच पा रहा है वही मुरता की ओर नहर का पता रता नही हैं,ऐसे में सरकारी दावे कितना सच और कितना झूठ है अंदाजा लगाया जा सकता है..?
नए नहर निर्माण हेतु 1 करोड़ 12 लाख रुपये स्वीकृत
जलाशय निर्माण के दौरान नहर निर्माण हेतु अनियोजित तरीक़े से भूमि अधिग्रहण किया गया था, लेकिन मुरता की ओर आज तक नहर निर्माण नही कराया गया है, 2022 में नए नहर निर्माण हेतु मनरेगा योजना के तहत 1 करोड़ 12 लाख रु स्वीकृत है, निर्माण कार्य के नाम पर 3 वर्षो में महज अपूर्ण एक्यूगार्ड, 2 नग पुलिया का निर्माण अधूरा छोड़कर फर्मो को मटेरियल के नाम पर मनमानी पूर्वक लाखों रुपए का फर्जी भुगतान किया गया है,लगभग 20 लाख रुपए मैटेरियल के नाम पर फर्मो को उपकृत करने के बाद भी नहर की लकीर तक जमीन से नदारत हैं।
इनका कहना है,,,
सोमवार को कार्य स्थल का निरीक्षण कर वास्तविकता देखेंगे, यदि अनियमितता बरती गई हैं तो कार्रवाई करेंगें।
शर्मा जी ,कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन विभाग, जिला डिंडौरी
जलाशय निर्माण होने से किसानों में सिंचाई कि उम्मीद जगा था लेकिन आज तक किसानों कों सिंचाई का लाभ नहीं मिल रहा हैं, मरम्मत और नहर निर्माण के नाम पर जिम्मेदार फर्मो कों भुगतान कर स्वयं का विकास कर रहें हैं।
केवल कृष्ण नेटी, पूर्व सरपंच डुंडी सरई