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Dindori News : निजी विद्यालयों के विरुद्ध जारी कार्रवाई ठंडे बस्ते में क्यों…?
डिंडौरी न्यूज़। जिले में लगभग एक सैकड़ा से अधिक निजी प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय और 25 उच्च एवं उच्चतर विद्यालय संचालित हैं, निजी विद्यालय के संचालक लम्बे समय से नियमों को दरकिनार कर शिक्षा के नाम पर अभिभावकों से मोटी रकम फीस के तौर पर वसूल रहें थे, इतना ही नहीं स्कूल संचालको द्वारा पाठ्य पुस्तक, गणवेश का विक्रय स्कूल से ही किए जाने के मामले भी सामने आ रहें थे, शिक्षा को बाजार बना अधिक से अधिक कमाई करने की मंशा से कम वेतन में अप्रशिक्षत शिक्षकों से निजी विद्यालयों में शिक्षक के पद पर कार्य कराया जा रहा हैं।
निजी स्कूलों की मध्यप्रदेश निजी विद्यालय नियम (फीस तथा संबंधित विषयो का विनियम 2020) के तहत संचालित निजी स्कूल संचालको के मनमानी फीस वसूली सहित स्कूल प्रबंधन द्वारा बरती जा रही लापरवाही पर अंकुश लगाने जिला प्रशासन द्वारा समस्त विद्यालयों की जांच करने के आदेश जारी किए गए थे लेकिन समय गुजरने के साथ ही जिला प्रशासन ने जाँच और कार्रवाई की प्रक्रिया को ठंडे बस्ते में डाल दिया हैं, वही अभिभावकों को प्रशासन से काफ़ी उम्मीदें थी की अवैध तरीके से वसूले गए फीस उन्हें वापस मिलेगा लेकिन कार्रवाई थमने से अब अभिभावक निराश हैं।
11 निजी विद्यालयों के विरुद्ध 2-2 लाख रु का जुर्माना अधिरोपित
जिला शिक्षा अधिकारी के नेतृत्व में गठित जाँच समिति द्वारा जिले की 14 निजी विद्यालयों की जांच निर्धारित पैमाने के आधार पर किया गया हैं, उन प्रकरणों पर कार्रवाई हेतु एसडीएम डिंडौरी द्वारा कलेक्टर को फ़ाइल भेजा गया था, जिनमे से 11 स्कूलो के विरुद्ध तत्कालीन कलेक्टर विकास मिश्रा ने 2- 2 लाख रूपये का जुर्माना अधिरोपित करते हुए अवैध तरीके से वसूले गए फीस वापस करने के आदेश पारित किए थे लेकिन अब तक 07 विद्यालय जे डी ई एस जूनवानी, माँ नर्मदा ज्ञान ज्योति डिंडोरी, सेंट ऐंजिल पब्लिक स्कूल डिंडोरी, मदर टेरेसा स्कूल डिंडोरी, एमएसजी समनापुर, सरस्वती ज्ञान मंदिर बिछिया, मदर टेरेसा शहपुरा के द्वारा संचालको ने अधिरोपित जुर्माना अदा किया हैं, वही जे डी ई एस दुल्लोपुर, राजुषा हायर सेकेण्डरी स्कूल, किइंडर गार्डन पब्लिक स्कूल, जे आर आर कान्वेंट बिछिया द्वारा जुर्माना कि राशि अदा नहीं कि गईं हैं।
जाँच में मिली थी बड़ी खामियाँ
जाँच समिति द्वारा आरटीई, पाठय पुस्तक, गणवेश, शिक्षकों कि जानकारी, भवन, फीस एवं खाता, फीस वृद्धि, सहित डीपीआई पोर्टल में किए गए एंट्री को लेकर गहनता से जाँच किया जा रहा था, जिसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़िया उजागर हुई थी, जिला प्रशासन द्वारा जाँच में गड़बड़िया उजागर होने तथा कलेक्टर के समक्ष फ़ाइल प्रस्तुत किए जाने के बावजूद कुछ विद्यालयों पर कार्रवाई नहीं किया जाना चर्चा का विषय बना हुआ हैं।