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Dindori News : पंचायती खजाना बना एटीएम ..सचिव ने पत्नी के फर्म को किया लाखों रुपए का भुगतान

akvlive.in

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डिंडौरी। समनापुर जनपद पंचायत के अंतिम छोर में स्थित ग्राम पंचायत बंजरा लंबे समय से दुर्दशा का शिकार हैं, गांव में आज भी विकास के नाम पर दशकों पहले शुरू कराये गए निर्माण कार्य अपूर्ण स्तर पर ही जर्जर हालत में दिखाई देते हैं,बात चाहे आंगनबाड़ी की हो या माध्यमिक विद्यालय की, प्राथमिक विद्यालय की हो या अतिरिक्त कक्ष की… सब जीर्ण शीर्ण हालात में है।  ग्राम पंचायत और ग्रामीणों के बुनियादी सुविधाओं के नाम स्वीकृत तमाम कार्यों की राशि की मटियामेट किये जाने के बाद भी जिम्मेदारों को पिछड़े गांव की परवाह नहीं है..! आज भी विकास के नाम पर आवंटित राशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं, ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर कब जिले के अंतिम छोर में स्थित बंजरा के ग्रामीणों को बुनियादी सुविधाओं का लाभ मिलेगा।
प्रभारी सचिव पर निर्माण कार्यों के नाम पर धांधली का आरोप
ग्राम पंचायत बंजरा में प्रभारी सचिव रहे जय गोपाल सैयाम के विरूद्ध ग्रामीणों ने लाखों रुपये की राशि खुर्द बुर्द करने के आरोप लगाते हुए जिला प्रशासन से शिकायत की है लेकिन महीनों बीतने के बावजूद जांच शुरू नही की जा रही हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि वर्ष 2023 और 2024 में सचिव के द्वारा स्वयं के पत्नी के नाम पर वेंडर बनाकर बगैर कार्य कराए ही लाखों रुपए का भुगतान अनैतिक तौर पर किया गया है। सचिव द्वारा मनमानी पूर्वक भुगतान किए गए राशि की सूची बनाकर ग्रामीणों ने जिला प्रशासन को सौंपा है,जिसमे लगभग 20 लाख रुपये की गड़बड़ी किये जाने का मामला है। 
पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम की उड़ाई धज्जियां
ग्राम पंचायतों में पारदर्शिता और जवाबदेही तय करते हुए जिम्मेदारों के पद और शक्तियों की दुरुपयोग पर रोक लगाने की मंशा से ग्राम स्वराज एवं पंचायत राज अधिनियम में जनप्रतिनिधि एवं कर्मचारियों के सगे संबंधियों के फर्मो को भुगतान किया जाना या सगे संबंधी के नाम पर व्यापार पर प्रतिबंध लगाया गया है, जिससे किसी भी तरह से सांठगांठ कर सरकारी धन को पलीता न लगाया जा सके..?लेकिन बंजरा का मामला सामने आने के बाद अंदाजा लगाया जा सकता कि सरकारी धन सचिव के लिए एटीएम मशीन बनकर रह गई हैं, जब चाहे तब अपने पत्नी के नाम पर राशि निकाल कर मनमानी कर सकते हैं। वही ग्रामीणों की माने तो प्रभारी सचिव जयगोपाल सैयाम के कार्यकाल में भुगतान किए गए बिलो एवं कागजो में दर्शाए गए निर्माण कार्यो की उच्च स्तरीय जांच एवं भौतिक सत्यापन कराया जाए तो सच्चाई सामने आ सकती हैं।

Chetram Rajpoot

वर्ष 2010 से जमीनी स्तर पर खोजी पत्रकारिता कर रहे हैं, भेदभाव से परे न्याय, समानता, भाईचारा के बुनियादी उसूलों के साथ समाज के अंतिम व्यक्ति की आवाज शासन - प्रशासन तक पहुंचाने प्रतिबद्ध हैं।

Chetram Rajpoot

वर्ष 2010 से जमीनी स्तर पर खोजी पत्रकारिता कर रहे हैं, भेदभाव से परे न्याय, समानता, भाईचारा के बुनियादी उसूलों के साथ समाज के अंतिम व्यक्ति की आवाज शासन - प्रशासन तक पहुंचाने प्रतिबद्ध हैं।