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Dindori News : आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू करने के फैसले के विरुद्ध बसपा ने राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

akvlive.in

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Dindori News : डिंडौरी। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा 01 अगस्त 2024 को दविंदर सिंह बनाम पंजाब राज्य मामले में एक फैसला दिया गया है जिसमें अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के आरक्षण का उपवर्गीकरण व इसमें भी क्रीमीलेयर निर्धारित करने का अधिकार राज्यों को दिया गया है।

 

 

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व सांसद,पूर्व मुख्यमंत्री उ.प्र बहन कु. मायावती जी ने दिनांक 04 अगस्त एवं 09 अगस्त 2024 को प्रेस कांफ्रेंस एवं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्वीटर(X) पर कई ट्वीट करके यह आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि इस निर्णय से देश भर के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग प्रभावित हो रहे हैं । वास्तव में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के भीतर वर्गीकरण करने का अधिकार राज्यों को नहीं है। क्योंकि आर्टिकल 341 एवं 342 यह अधिकार देश के संसद एवं महामहिम राष्ट्रपति को ही देता है, और यही बात ई. वी. चिन्नैया बनाम आंध्रप्रदेश राज्य मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने 2004 में कहा था।

 

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एस.सी, एस.टी वर्ग के भीतर वर्गीकरण का अधिकार राज्यों को देने से एक वर्ग के भीतर ही नया संघर्ष शुरू हो जाएगा एवं पुनः NFS(NOT FOUND SUITABLE) का दौर शुरू हो जाएगा। भविष्य में बगैर भरी रिक्त सीट सामान्य कोटे में अघोषित रूप से तब्दील हो जायेगी।

 

इस फैसले से राज्य सरकारों को मनमानी करने का अवसर मिल जायेगा। वो जिस भी जाति को चाहें आरक्षण से वंचित कर सकती हैं। इससे sc/st की विभिन्न जातियों में फूट पड़ने की प्रबल संभावना है और ये राष्ट्र की एकता और अखंडता पर करारा प्रहार करने जैसा होगा।

 

संविधान निर्माता परम पूज्य डाॅ. बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर जी ने इन वर्गों के साथ होने वाली सामाजिक गैर बराबरी, छुआछूत व जात-पांत के आधार पर संविधान में इनके लिए आरक्षण की व्यवस्था किया था ना कि आर्थिक आधार पर।इ सलिए इन वर्गों के आरक्षण को लेकर यह फैसला बिल्कुल भी उचित व न्यायसंगत नहीं है।

 

सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान फैसले के बाद देश के 100 सांसदों ने देश के प्रधानमंत्री से मुलाकात की। अगले दिन अखबारों में आया कि पीएम एससी,एसटी के भीतर क्रीमीलेयर लागू नही करेंगे,लेकिन उप वर्गीकरण पर चुप्पी साधे हैं। यह केवल मौखिक आश्वासन है। बहुजन समाज पार्टी का केन्द्र सरकार के इस मौखिक आश्वासन में विश्वास नही है। यदि केंद्र सरकार वास्तव में एससी,एसटी की हितैषी है तो तत्काल संसद सत्र बुलाकर दविंदर सिंह बनाम पंजाब राज्य मामले में दिनांक 01 अगस्त 2024 के आए फैसले को पलटते हुए संविधान संशोधन लाए।

 

 

महामहिम जी, आप स्वयं भी एक आदिवासी वर्ग से ताल्लुक रखती हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से st/sc वर्ग की कई जातियां बहुत ज्यादा प्रभावित होंगी जिनकी लंबे समय तक भरपाई करना असंभव होगा।

 

 

इसलिए वर्तमान समय में हम सभी वंचित वर्गों की एकमात्र मसीहा माननीया बहन कु. मायावती जी ने इस देश के समस्त अनुसूचित जाति व जनजाति समाज से इस विकट आपातकाल के समय में आपसी मतभेदों को भुलाकर एक होने की अपील किया है। उसी के परिपालन में बहुजन समाज पार्टी आपसे यह अपील करती है कि आप केन्द्र सरकार को इस कार्य के लिए ध्यानाकर्षण करवायें कि वह सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये इस निर्णय को निष्प्रभावी बनाने के लिए तुरंत गंभीरतापूर्वक कदम उठाये और इसके लिए संसद का विशेष सत्र बुलाकर संविधान में उचित संशोधन करके प्रावधान लाये जिसके तहत sc/st को उपवर्गीकरण करने से हमेशा के लिए प्रतिबंधित (वर्जित) कर दिया जाए। तथा इसके लिए जो भी कानून बनाया जाय तो उसे फिर तुरंत ही बिना देरी किए हुए संविधान की 9 वीं अनुसूची में शामिल कर दिया जाए।