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Dindori News : शासन की मंशा पर भारी जिम्मेदारों की यारी : प्रतिबंध के बावजूद नर्मदा किनारे धड़ल्ले से बिक रही अवैध शराब

akvlive.in

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 डिंडौरी । प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा तट से 5 किलोमीटर के दायरे में शराब विक्रय पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाया था, इसके साथ ही नर्मदा किनारे बसे नगरों को तीर्थ स्थल घोषित किया गया था। माँ नर्मदा को स्वच्छ रखने के लिए 5 किलोमीटर के दायरे में आने वाली समस्त दुकानों को बंद करने का फैसला लिया था उक्त फैसले से डिंडोरी में संचालित मदिरा दुकान बंद किया गया था। तकरीबन 7 वर्ष बीत जाने के बाद भी डिंडोरी शहर में शराब की अवैध बिक्री जारी है। बता दें कि नर्मदा को स्वच्छ रखने के लिए शहर की अंग्रेजी व देशी दुकानों को बंद करने का दावा किया गया था उसके एवज में अब शहर के हालात यह हो गए हैं कि छोटे जलपान के दुकानों से लेकर ढाबा तक पान की गुमटीयों से लेकर अण्डा दुकानों तक शराब उपलब्ध कराई जा रही है।
-पान ठेले और गली-गली बिक रही शराब 
शराब के आहते बंद होते ही शहर की विस्तम जगहों से लेकर गली-गली में अघोषित रूप से शराब विक्रय की जा रही है। गल्ला गुदाम, पुरानी डिंडोरी, सुबख़ार, अमरकण्टक रोड में संचालित अधिकतर ढबाओं पर सुबह से लेकर रात तक जाम से जाम टकराए जा रहे हैं। रात होते ही शराबखोरी चरम पर पहुंच जाती है। यह हालत एक जगह की नहीं है बल्कि ढलाओ के आसपास सबसे ज्यादा हालत खराब है, जहां सड़क किनारे टपरानुमा दुकानों में बैठकर शराब परोसी जा रही है। गौरतलब है कि इन जगहों पर संबंधित थाने की पेट्रोलिंग की जाती है लेकिन टीम को यह मंजर नहीं दिखाई देता है, जिससे जाहिर है कि इसकी अनदेखी हो रही है या फिर ये आबकारी विभाग की साठगांठ से काला कारोबार चल रहा है।
– इन जगह पर विशेष रूप से परोसी जा रही शराब 
जबलपुर रोड व अमरकण्टक रोड में संचालित अधिकतर ढाबा, पान दुकान, पुरानी डिंडोरी होटल, बाइपास तिराहा, किराना दुकान, जूते चप्पल की दुकान, वही सफ़ेद पोश ठेकेदार के गुर्गे घर अवैध शराब पहुँच सेवा उपलब्ध करा रहे है ।

Chetram Rajpoot

वर्ष 2010 से जमीनी स्तर पर खोजी पत्रकारिता कर रहे हैं, भेदभाव से परे न्याय, समानता, भाईचारा के बुनियादी उसूलों के साथ समाज के अंतिम व्यक्ति की आवाज शासन - प्रशासन तक पहुंचाने प्रतिबद्ध हैं।

Chetram Rajpoot

वर्ष 2010 से जमीनी स्तर पर खोजी पत्रकारिता कर रहे हैं, भेदभाव से परे न्याय, समानता, भाईचारा के बुनियादी उसूलों के साथ समाज के अंतिम व्यक्ति की आवाज शासन - प्रशासन तक पहुंचाने प्रतिबद्ध हैं।