डिंडौरी जिले में राजनेता, वरिष्ठ अधिकारियों और मैदानी अमले के मिलीभगत से बडे पैमाने पर भ्रष्टाचार करते हुए कागजों में ही विकास कार्यो को दर्ज कर फर्म संचालको कंे मिलीभगत से करोड़ो रू. का धडल्लें से गबन कर बंदरबाॅट किया जा रहा हैं, आमजनों का आरोप है कि भ्रष्टाचार का कारोबार शासन प्रषासन के संरक्षण में फल फूल रहा हैं। विकास के नाम पर सिर्फ कागजों में तमाम कार्य दर्षा कर सरकारी राषि हड़पी जा रही है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी मौन साधे हुए तमाषबीन बने हुए हैं।
डिंडौरी न्यूज । हमारा देष कृषि प्रधान देष हैं, 90 फीसदी आबादी गाॅवों में निवासरत हैं, जिनकी आजीविका एवं जीविकोपार्जन का मुख्य साधन कृषि पर निर्भर हैं , गाॅव को भारत की आत्मा भी कहा जाता हैं। महात्मा गाॅधी जी ने कहा था कि भारत की आत्मा गाॅवो में बसती हैं, भारत के विकास का आॅकलन करना हो तो दिल्ली और मुम्बई या अन्य नगरों की चकाचैंध से नही बल्कि गाॅवों के स्थिति से किया जायें, लेकिन अधिकारियों ने महात्मा गाॅधी के नाम पर संचालित राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गाॅरटी योजना में बड़ा खेल कर दिया हैं, केन्द्र एवं राज्य सरकार की प्राथमिकता में कृषि एवं किसान हैं , जिनके विकास के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार के द्वारा हरसंभव प्रयास किए जा रहैं हैं।
वित्तीय वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 में बजाग विकासखंड अंतर्गत विभिन्न ग्रामों में स्थित जलाषय एवं नहरों के मरम्मत कार्य हेतु महात्मा गाॅधी राष्ट्रीय रोजगार गाॅरटी योजना अर्थात मनरेगा अंतर्गत जलाषय एवं नहरों के कार्य स्वीकृत किए गये थे,किन्तु जिम्मेदार उपयंत्री एवं एसडीओ के द्वारा स्वयं लाभ अर्जित करने की दूषित मानसिकता से स्वीकृत राषि खुर्द बुर्द किया गया हैं, कार्य के नाम पर महज मजूदरों से साफ सफाई कराई गई हैं जबकी उक्त कार्य में सामग्री कृय हेतु निर्धारित कानूनी प्रकिृया व शासन के दिषा निर्देषों के विपरीत जाकर कार्य कराया है ।
इन जलाषय एवं नहरों के मरम्मत में हुआ बंदरबाॅट
बजाग क्षेत्र अंतर्गत पिण्डरूक्खी डायवर्सन स्कीम, सुनियामार जलाषय, गीधा जलाषय ,बोंदरनाला एनीकट, सुरसाटोला जलाषय,लबेदा एनीकट,ढोंढ जलाषय ,दुल्लोपुर जलाषय, तरच एनीकट, करौंदा जलाषय, बिलाईखार जलाषय, खरगहना जलाषय, नीमटोला डायवर्सन स्कीम सहित अन्य कार्यो के मरम्मत एवं निर्माण कार्य के नाम पर जिम्मेंदार अधिकारी कर्मचारियों ने महज कार्य के नाम पर खानापूर्ति करते हुए भ्रष्टाचार कर शासन को आर्थिक क्षति पहूॅचाई हैं। धरातल में स्थिति यह कि कार्य के नाम पर सिर्फ मजदूरों ने नहरों से घास कटाई एवं सफाई कार्य कराया गया है किन्तु मिटटी, मूरूम, समेत अन्य सामग्री के नाम पर चहेते सप्लायरों के मिलीभगत से मनरेगा अंर्तगत सामग्री मद से करोड़ों रू. की हेरा फेरी किया गया हैं।
चहेते सप्लायरों को किया उपकृत
विभाग द्वारा बजाग क्षेत्र में ऐसे सप्लायरों को भुगतान किया गया है जो खाता में राषि आते ही 10 फीसदी कमीषन काट कर नगद राषि अधिकारियों को लौटा दें , हुआ भी यही, अधिकारियों ने कागजों मे कार्य कराते हुए मोटी मलाई खानें में सफल हुए हैं, सामग्री खरीदी में फर्म/ सप्लायरों के चयन में अधिकारियों ने पद का दूरूपयोग करते हुए निर्धारित प्रकिृया को दरकिनार किया गया हैं। शासन द्वारा विभागों एवं सरकारी संस्थाओं द्वारा कृय की जाने वाले सामग्री एवं कार्यो में पारदर्षिता,सुचिता एवं कीमतों पर नियत्रंण कायम रखने दुूषित कृय प्रकिृया से बचने हेतु समय समय पर दिषा निर्देष जारी किए जाते हैं। परन्तु विभाग में पदस्थ अधिकारियों के द्वारा निजी स्वार्थ वष नजदीकी फर्मो को मनमानी पूर्वक भुगतान किया गया हैं।