भोपाल। डिंडौरी विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने प्रदेश सरकार के कामकाज और प्रशासनिक उदासीनता पर कड़ा रुख अपनाते हुए विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर विधानसभा परिसर में अनशन पर बैठने की सूचना दी है। उन्होंने पत्र में ऐसे कई महत्वपूर्ण जनसमस्याओं को उठाया है, जिनका समाधान लंबे समय से लंबित है, लेकिन शासन-प्रशासन द्वारा न तो सुनवाई हो रही है और न ही प्रभावी कार्रवाई।
– मनरेगा में अनियमितता और रोजगार से वंचित श्रमिक
विधायक मरकाम ने स्पष्ट आरोप लगाया है कि डिंडौरी जिला ही नहीं, बल्कि पूरे मध्यप्रदेश में मनरेगा योजना अपने मूल स्वरूप से भटक चुकी है। जॉब कार्ड धारकों को प्रतिवर्ष 100 दिवस का रोजगार नहीं दिया जा रहा है। इतना ही नहीं, मनरेगा एक्ट के तहत 60-40 के अनुपात का पालन भी नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों और जनप्रतिनिधियों द्वारा लगातार मांग के बावजूद शासन ध्यान नहीं दे रहा, जिससे ग्रामीणों की आजीविका प्रभावित हो रही है।
– स्कूल भवन जर्जर, कई संस्थानों के पास नहीं है भवन
मरकाम ने शिक्षा व्यवस्था की खस्ताहाल स्थिति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने बताया कि आदिवासी बहुल डिंडौरी जिले में अनेक प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों के भवन जर्जर हालत में हैं, जबकि कई संस्थान भवनविहीन हैं। विरोधाभास यह है कि सरकार दावा करती है कि सभी शैक्षणिक संस्थानों में उपयुक्त भवन व्यवस्था है, जो वास्तविकता से परे और निराधार है।
– पीएम आवास योजना में बड़ी गड़बड़ी
विधायक ने आवासहीनों की समस्या को भी प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि डिंडौरी जिले में अधिकांश पात्र हितग्राहियों को पीएम आवास स्वीकृत नहीं किए गए हैं, जबकि जिन्हें स्वीकृति मिली है, वे अपर्याप्त राशि के कारण अपना आवास पूरा नहीं कर पा रहे। वर्ष 2015-16 से योजना की राशि में कोई वृद्धि नहीं हुई, उल्टा 10 हजार रुपए की कटौती कर दी गई है, जिससे निर्माण कार्य और कठिन हो गया है।
– संविदा और श्रमिक वर्ग आंदोलित
मरकाम ने पत्र में उल्लेख किया कि प्रदेशभर में आशा कार्यकर्ता, आशा पर्यवेक्षक, मेट, रसोइया, अंशकालीन भृत्य, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, संविदा कर्मचारी और अतिथि शिक्षक अपनी विभिन्न मांगों को लेकर लगातार आंदोलनरत हैं। इसके बावजूद शासन द्वारा उनकी समस्याओं के समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे।
– नशे के कारोबार पर रोक लगाने में सरकार विफल
डिंडौरी सहित प्रदेश के गांव-गांव में नशे का कारोबार फैलने पर भी विधायक ने गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि नशीली सामग्री की उपलब्धता से युवा पीढ़ी नशे की चपेट में आ रही है, लेकिन शासन-प्रशासन द्वारा इस दिशा में अपेक्षित कार्रवाई नहीं की जा रही है।







