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Dindori News : स्वीकृति की जरूरत न मूल्यांकन का झंझट : बगैर कार्ययोजना की अन्य व्यय के नाम पर सरपंच सचिव ने किया पंचायत का खजाना साफ

akvlive.in

Published

– मंत्रालय पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देशों की उड़ी धज्जियां

– ग्राम पंचायत विक्रमपुर का मामला,सरपंच रामनारायणऔर सचिव तीरथ गोसाई ने किया बंदरबांट

– लाखों रु का प्रसाद, लाखों की स्टेशनरी और कर्मचारियों को एकजाई लाखों का भुगतान..?

डिंडौरी न्यूज़। डिंडौरी जिले की ग्राम पंचायतों में जिस तरह से मंत्रालय के दिशा निर्देशों की धज्जियां उड़ाते हुए सरकारी पैसे का बंदरबाट किया जा रहा है, उससे अधिकारियों की निगरानी और जवाबदेही को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। ग्राम पंचायतों को आवंटित राशि का उपयोग हेतु मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय द्वारा स्पष्ट रूप से दिशा निर्देश जारी कर कार्यों की कार्ययोजना एवं प्राथमिकता तय की गई है, लेकिन मंत्रालय के निर्देशों का डिंडौरी जिले की ग्राम पंचायतों में अमल दिखाई नहीं दे रही है। ग्राम पंचायतों को पांचवे एवं 15वें वित्त के तहत आवंटित राशि का पर्यवेक्षण और गुणवत्ता की जिम्मेदारी जनपद एवं जिला पंचायत स्तर के अधिकारियों की तय की गई है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी शासकीय धन की बंदरबाट को जानते हुए भी तमाशबीन बने हुए है..?

नियमों को दरकिनार कर लाखों रुपए की गड़बड़ी करने का ताजा मामला डिंडौरी जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत विक्रमपुर का सामने आया है। पांचवे और 15 वें वित्त के तहत आवंटित राशि में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी कर मनमाने भुगतान करते हुए आवंटित राशि का एक बड़ा हिस्सा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दी गई है। विक्रमपुर के सरपंच रामनारायण धुर्वे और तत्कालीन सचिव तीरथ गोसाईं द्वारा वित्तीय वर्ष 2021- 22 से लेकर 2024- 25 तक लगभग 3 वर्षों में बड़े पैमाने पर मनमानी करते हुए बगैर कार्ययोजना अनुमोदन (GPDP) के अन्य कार्यों के नाम लाखों रुपए का भुगतान करने का मामला सामने आया है, इतना ही नहीं स्वच्छता अभियान के तहत स्वीकृत कार्यों से सीसी रोड का भुगतान तो कही प्लास्टिक कचरा घर के वर्क आईडी से एसबीएम, डीएससी, नलजल, कर्मचारी मानदेय, प्रसाद वितरण सहित स्ट्रीट लाइट के नाम पर लाखों रुपए का भुगतान नियम विरुद्ध किया गया है, हैरानी की बात यह है कि भुगतान का पूरा डाटा ऑनलाइन होने के बावजूद भी जिम्मेदार अधिकारी बंदरबांट के खेल में सिर्फ मूकदर्शक बने हुए हैं।

– ग्राम विकास योजन की उड़ाई धज्जियां, मनमाने कार्यों के नाम पर लाखों का भुगतान..?

ग्राम पंचायत विक्रमपुर द्वारा ई ग्राम स्वराज पोर्टल में दर्ज किए गए कार्ययोजना के अनुसार 2021 में 6 कार्य प्रस्तावित है जिसमें 1कार्य प्रारंभ किया गया, 2022 में 21 गतिविधियां प्रस्तावित की गई जिसमें कोई भी कार्य प्रारंभ नहीं किया गया, 2023 में 63 प्रस्तावित गतिविधियों में से मात्र 07 कार्य प्रारंभ किए गए थे, 2024 में 49 और 2025 में 72 गतिविधियां प्रस्तावित थीं लेकिन कोई भी कार्य प्रारंभ नहीं किए गए। इस दौरान 15 वें वित्त के तहत आवंटित राशि को सरपंच, सचिव के द्वारा अन्य व्यय/ऑफिस व्यय के नाम पर लाखों रुपए उड़ा दिया गया है। हद तो यह है कि वर्क आईडी कुछ और है और भुगतान किसी अन्य कार्यों के नाम पर किया गया है जबकि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय द्वारा टाइड और अनटाइड फंड का वर्गीकरण करते हुए स्वच्छता, पेयजल और पक्के कार्यों में राशि व्यय किए जाने के दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।

– स्वीकृत कार्य के वर्क आईडी से दूसरे कार्यों का भुगतान

ग्राम पंचायत विक्रमपुर के 2024 में दिव्यागों के लिए रैंप निर्माण की वर्क आईडी से 67000 रु पेंटर को भुगतान किया गया है, वहीं नवीन वाटर सप्लाई स्कीम के वर्क आईडी से सोकपिट, नाली निर्माण, और पेयजल परिवहन के नाम पर लाखों रुपए का भुगतान किया गया है। इसी तरह प्लास्टिक वेस्ट स्टोरेज वर्क आईडी से एसबीएम, नलजल, कर्मचारी मानदेय,प्रसाद वितरण सहित अन्य व्यय के नाम पर लाखों रुपए का भुगतान किया गया है। सामुदायिक स्वच्छता परिसर की वर्क आईडी से सीसी रोड मजदूरी, सामग्री, और पेयजल परिवहन के नाम पर 150000 रु से अधिक भुगतान किया गया है, इस तरह से शासन की आंखों में धूल झोंकते हुए शासन की मंशा पर पानी फेरा जा रहा है। जबकि शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि जारी गाइडलाइन के अनुसार जीपीडीपी के तहत प्राथमिकता के कार्यों में राशि का उपयोग किया जाना है ।

– गैर अनुमत्य कार्यों में अन्य व्यय के नाम बड़े पैमाने पर धांधली

मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन में 15 वें वित्त की राशि का किन कार्यों में व्यय किया जाना है और किन कार्यों पर खर्च किए जाने पर प्रतिबंध है, स्पष्ट रूप से उल्लेखित है लेकिन जब जिम्मेदार शासन को ठेंगा दिखाने में आतुर हो तो शासन को पलीता लगाना आसान है, ग्राम पंचायत विक्रमपुर के तत्कालीन सचिव तीरथ गोसाईं द्वारा सरपंच मानदेय 29750 रु, ऑफिस व्यय 25740 रु टेंट हेतु, अन्य व्यय 15000,15000,19400,5000,5000,5000 मानदेय, 2350 होटल, 19000,10000,10000,10000, 6000,3000,14730,87155,15000,150000,91535,32000,22000,3000,10000,10000,10000,30000,30000,47000,30000,6000,222700,4130,47000,82000,15000,22700,4130,27300,8000,26000,17595,19000,51600,10000,48500,7365,36000,17595,254500,45000, रु का भुगतान बगैर कार्ययोजना के मनमाने तौर पर किया हैं। इन भुगतान कार्यों की न तो वर्क आईडी बनी है और न फोटो जियो टैग किए गए हैं। इस तरह से अन्य व्यय के नाम पर शासन को पलीता लगाया जा रहा है।

मंत्रालय के आदेश को ठेंगा दिखा सरपंच,सचिव ने किया भारी भ्रष्टाचार

– प्रतिबंधित कार्यों के नाम पर किया लाखों का भुगतान

ग्राम पंचायत के कर्मचारी विनोद प्रजापति को 87155 रु एवं 91535 रुपए का भुगतान महज अन्य व्यय के नाम पर किया गया है। 15 वें वित्त से मानदेय स्थापना व्यय प्रतिबंधित होने के बावजूद सरपंच रामनारायण को मानदेय भुगतान सहित कर्मचारी विनोद प्रजापति, मोबलाइजर राजेंद्र सिंह सरोते, भागवत पटेल, मोहन लाल के नाम पर लाखों रुपए का भुगतान किया है। इसके साथ ही मवेशी बाजार किराया 80000, वाहन भाड़ा 39300रु,15 अगस्त प्रसाद 67400 रु, प्रसाद 36000 हजार रुपए सहित चाय नाश्ता और टेंट के नाम पर लाखों रुपए का नियम विरुद्ध भुगतान किया गया हैं। इसके साथ ही श्याम सिंह सरोते को 150000 रु पेयजल परिवहन के नाम पर भुगतान किया गया हैं, इस तरह किए गए भुगतान मंत्रालय के निर्देशों के विरुद्ध है। जब इस संबंध में पक्ष रखने हेतु सरपंच रामनारायण और तत्कालीन सचिव तीरथ गोसाईं से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया है।

Chetram Rajpoot

चेतराम राजपूत मध्यभूमि के बोल समाचार पत्र के संपादक हैं। 2013 से इस दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने madhyabhoomi.in को विश्वसनीय समाचार स्रोत बनाया है, जो मुख्यधारा की मीडिया से अलग, विकास, समानता, आर्थिक और सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित है। हम सच्चाई और पारदर्शिता में विश्वास रखते हैं। मीडिया की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए सतत प्रयासरत हैं। बेखौफ कलम... जो लिखता है बेलिबास सच..

Chetram Rajpoot

चेतराम राजपूत मध्यभूमि के बोल समाचार पत्र के संपादक हैं। 2013 से इस दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने madhyabhoomi.in को विश्वसनीय समाचार स्रोत बनाया है, जो मुख्यधारा की मीडिया से अलग, विकास, समानता, आर्थिक और सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित है। हम सच्चाई और पारदर्शिता में विश्वास रखते हैं। मीडिया की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए सतत प्रयासरत हैं। बेखौफ कलम... जो लिखता है बेलिबास सच..

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