– मंत्रालय के दिशा निर्देशों को ठेंगा दिखा 15 वें वित्त की राशि का बंदरबांट, फर्जी बिलों के जरिए लाखों रुपए की हेराफेरी का आरोप
– अमरपुर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत सक्का का मामला
अमरपुर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत सक्का में सरपंच, सचिव द्वारा पद का दुरुपयोग करते हुए 15 वें और पांचवे वित्त के तहत आवंटित राशि को जमकर बंदरबाट करने का मामला सामने आया है। अक्टूबर माह में समाचार पत्र में प्रमुखता से समाचार प्रकाशित करते हुए मामला उजागर किया गया था। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मामले की जांच पंचायत इंस्पेक्टर को सौंपी गई थी लेकिन महीनों गुजरने के बाद भी मामला ठंडे बस्ते में हैं। जब इस संबंध में पंचायत इंस्पेक्टर का कहना है कि कार्यक्रमों की वजह से जांच करने का समय नहीं मिल रहा है। इस तरह से जिम्मेदार अधिकारी मामला उजागर होने के बाद भी भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं।
– जीपीडीपी सिर्फ दिखावा ,बगैर सक्षम स्वीकृति के, गैर अनुमत्य कार्यों में नियम विरूद्ध किया गया भुगतान
डिंडौरी जिले के सक्का ग्राम पंचायत में लंबे समय से शासन के दिशा निर्देशों को ठेंगा दिखाते हुए सचिव द्वारा मनमर्जी तरीके से फर्जी बिलों कका भुगतान करते हुए पंचायती खजाने को पलीता लगाई जा रही है, ग्राम पंचायतों के विकास के लिए शासन द्वारा 15वें वित्त एवं 5वें वित्त के तहत आवंटित राशि का बगैर कार्य योजना तय किए ही शासन के निर्देशों में गैर अनुमत्य कार्यों के नाम लाखों रुपए का भुगतान किए जाने का मामला सामने आया है। गौरतलब है कि स्थानीय अधिकारियों की राशि आवंटन के साथ ही गुणवत्ता और निगरानी की जवाबदेही तय हैं, इसके बावजूद निष्क्रिय तंत्र के चलते सरकारी सरपंच, सचिव पंचायत खजाने की बंदरबांट करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
बगैर कार्ययोजना के मनमाने कार्यों में भुगतान
वर्ष 2021 में वार्षिक कार्ययोजना में प्रस्तावित 8 गतिविधियों में महज 5 कार्य प्रारंभ किए गए,2022 में प्रस्तावित 21 गतिविधियों में से एक भा कार्य प्रारंभ नहीं किए गए हैं। इसी तरह 2023 के मुख्य प्लान में प्रस्तावित 56 गतिविधियों में महज 2 कार्य है प्रारंभ किए गए हैं। 2024 में 52प्रस्तावित गतिविधियों में से महज 4 कार्य प्रारंभ किए गए हैं। जबकि इस दौरान गैर अनुमत्य कार्यों के नाम पर मनमानी पूर्वक लाखों रुपए का भुगतान किया गया है। 15 वें वित्त से चाय,नाश्ता, सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन, टेंट का भुगतान सहित वाहन भाड़ा सहित किसी भी प्रकार से स्थापना व्यय, वेतन मानदेय भुगतान, सहित विद्युत बिल के भुगतान नहीं किए जाने के स्पष्ट निर्देश हैं , इसके बावजूद सचिव चरण परस्ते द्वारा शासन के निर्देशों की धज्जियां उड़ाई गई हैं।
शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि स्वीकृत कार्यों को प्रारंभ किए जाने से पहले पोर्टल पर फोटो अपलोड किए जाए, जिससे विकास कार्यों का अवलोकन की व्यवस्था पारदर्शी हो लेकिन सक्का ग्राम पंचायत द्वारा पंचायत पोर्टल में एक ही कार्य की फोटो कई कार्यों में अपलोड कर पारदर्शिता का मजाक बनाया गया है। 15वें वित्त मद से रंगमंच कार्य गैर अनुमत्य है लेकिन स्वच्छता अंतर्गत स्वीकृत वर्क आईडी से रंगमंच के नाम पर लाखों रुपए का भुगतान किया गया है।

गैर अनुमत्य कार्यों के नाम पर लाखों रुपए का भुगतान ..?
मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय के अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव द्वारा जनवरी 2022 में 15वें वित्त के क्रियान्वयन हेतु दिशा निर्देश जारी किया गया था, जिसमें आबाद्ध 50 फीसदी एवं अनाबद्ध 50 फीसदी राशि तय कर कार्यों की प्राथमिकता तय की गई थी। गाइडलाइन में उल्लेख है कि स्थापना, वेतन सहित अन्य कार्यों में राशि व्यय नहीं किए जाने के निर्देश है। इसके बावजूद सचिव द्वारा मनमर्जी तरीके से 2021- 22 में कर्मचारियों को 1लाख 39 हजार रूपये का भुगतान, मस्टररोल प्रिंट के नाम पर 56000 हजार रुपए, टेंट के नाम पर 22 हजार, मिट्टी मुरूम आंतरिक मार्ग के नाम पर 55 हजार रुपए, प्रोग्राम के नाम 35 हजार रुपए, किया गया है,

इसी तरह 2022- 23 में भवन पुताई, चाय नाश्ता, वाहन भाड़ा, कर्मचारी मानदेय के नाम पर 65000, बगैर सक्षम स्वीकृति के मुर्मिकरण, सोखता गड्ढा सहित अन्य व्यय के नाम पर लाखों रुपए का भुगतान किया गया, जबकि जिन कार्यों के नाम पर भुगतान किया गया उक्त कार्य जीपीडीपी में भी शामिल नहीं है। सूत्रों की माने तो उक्त कार्य सिर्फ कागजों में हो रहे हैं, सचिव, सरपंच भ्रष्टाचार कर अपनी जेबें भर रहे हैं।
ग्रामीणों ने नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर बताया कि सचिव चरण परस्ते ग्राम पंचायत सक्का में लंबे समय से पदस्थ हैं, सप्लायरों और चहेते लोगों के खाते में मनमाने कार्यों के नाम राशि भुगतान कर बंदरबांट किया जा रहा है, ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से सचिव चरण परस्ते के कार्यकाल में किए गए भुगतानों की सूक्ष्म जांच कराए जाने की मांग की है।










