शासन से नियमितिकरण, वेतनमान एवं भत्तों से जुड़ी विभिन्न मांगों को लेकर कर्मचारियों ने सौंपा मांग पत्र
डिंडौरी। प्रदेश के विभिन्न विभागों में कार्यरत अस्थायी, आकस्मिक एवं संविदा कर्मचारियों ने अपनी समस्याओं और मांगों को लेकर शासन को विस्तृत मांग पत्र सौंपा है। इसमें लंबे समय से लंबित पदोन्नति, नियमितिकरण, वेतन विसंगति दूर करने एवं अन्य भत्तों को लागू करने की मांग प्रमुख रूप से की गई है।
मांग पत्र में उल्लेख किया गया है कि अनेक कर्मचारियों के पदोन्नति प्रस्ताव वर्षों से मंत्रालय स्तर तक विचाराधीन हैं, किंतु आज तक पदोन्नति आदेश जारी नहीं हुए हैं। साथ ही कार्यालय सहायकों के पदों पर सीधे भर्ती किए जाने की मांग भी की गई है।
कर्मचारियों ने बताया कि कार्यालय आकस्मिक और कार्यचारिणी सेवा के कर्मचारियों को कई वर्षों से नियमित पदों पर समायोजित नहीं किया गया है। शासकीय आदेशों के बावजूद इन्हें अब तक आकस्मिक नगदीकरण और पेंशन लाभ नहीं मिल पा रहे हैं। अतः शासन से अनुरोध किया गया है कि 300 दिनों तक के अवकाश नगदीकरण एवं पेंशन लाभ का लाभ दिया जाए।
इसके अतिरिक्त 7वें वेतनमान को लेकर भी कर्मचारियों ने असमानता पर आपत्ति जताई है। मांग पत्र में कहा गया है कि प्रदेश के स्वशासी संस्थाओं के अधिकारी/कर्मचारियों को 1 जनवरी 2016 से 7वें वेतनमान का लाभ दिया गया है, किंतु कई विभागों के कर्मचारियों को यह लाभ 1 अप्रैल 2018 से दिया गया है। इसलिए सभी कर्मचारियों को 1 जनवरी 2016 से 7वां वेतनमान लागू करने की मांग की गई है।
पत्र में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए भी वेतनमान, ग्रेड-पे और वर्दी भत्ता बढ़ाने की मांग की गई है। कर्मचारियों का कहना है कि वर्ष 2009 में मात्र 50 रुपये प्रतिमाह धुलाई भत्ता दिया गया था, जबकि आज की महंगाई के अनुपात में यह बहुत कम है। इसे बढ़ाकर 200 रुपये प्रतिमाह करने की आवश्यकता है।
साथ ही आउटसोर्स एवं आकस्मिक कर्मचारियों की नियमितीकरण की मांग भी प्रमुख रही। मांग पत्र में कहा गया है कि प्रदेश में लगभग 20 हजार आकस्मिक कर्मचारी पिछले 15-20 वर्षों से विभिन्न विभागों में कार्यरत हैं, जिन्हें स्थायी दर्जा देकर शासकीय सेवा का लाभ दिया जाना चाहिए।
इसके अलावा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी घोषित कर नियत वेतनमान देने, मिड डे मील रसोइयों को ₹15,000 प्रतिमाह वेतन देने तथा आशा कार्यकर्ताओं को उनके कार्यभार के अनुरूप पदोन्नति और स्थायी वेतनमान दिए जाने की मांग भी की गई है।
मांग पत्र के अंत में यह भी कहा गया है कि 01 जनवरी 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (OPS) का लाभ दिया जाए और वर्दी भत्ते का भुगतान नियमित रूप से किया जाए।
कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि शासन द्वारा इन मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं लिया गया तो प्रदेशभर में आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
इस दौरान जिला अध्यक्ष प्रकाश चंदेल, रुक्मणि पटेल, अशोक यादव, गोपाल पाठक, भगवानी धुर्वे, सहित भारी संख्या में अंशकालीन कर्मचारी मौजूद रहे।









