डिंडौरी। “हजार बर्क गिरे, लाख आंधियां आए, वो फूल खिलके रहेंगे जो खिलने वाले हैं…” इन पंक्तियों को चरितार्थ किया है जिले के ग्राम चिचरिंगपुर निवासी राजेंद्र मालवे ने। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) परीक्षा 2022 में शानदार सफलता अर्जित करते हुए उन्होंने सहायक प्राध्यापक (Assistant Professor) पद पर चयन प्राप्त किया है। इस परीक्षा में उन्होंने पूरे प्रदेश में 105वीं रैंक हासिल कर न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है।
राजेंद्र मालवे, ग्राम चिचरिंगपुर, पोस्ट दुहनिया, जिला डिंडौरी के निवासी हैं। उनके पिता श्री देवसिंह मालवे किसान एवं मजदूर हैं तथा माता श्रीमती चंद्रवती बाई गृहिणी हैं। सीमित साधनों और ग्रामीण परिवेश में पले-बढ़े राजेंद्र ने कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपने लक्ष्य को कभी नहीं छोड़ा। पारिवारिक जिम्मेदारियों और आर्थिक चुनौतियों के बीच उन्होंने निरंतर अध्ययन करते हुए यह सफलता हासिल की।

राजेंद्र ने बताया कि वे गांव के पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने MPPSC परीक्षा उत्तीर्ण कर उच्च पद प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि का श्रेय वे अपने माता-पिता, गुरुजनों, मित्रों एवं मार्गदर्शकों को देते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि, “लगातार मेहनत, धैर्य और खुद पर भरोसा ही सफलता की कुंजी है।”
राजेंद्र ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राथमिक विद्यालय चिचरिंगपुर, माध्यमिक शिक्षा पाकर, उच्च माध्यमिक शिक्षा विक्रमपुर विद्यालय से तथा स्नातक एवं उच्च शिक्षा महाकौशल कॉलेज, जबलपुर से प्राप्त की है।
लगभग 12 वर्षों के संघर्ष और सतत प्रयास के बाद मिली इस सफलता ने न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ा दी है। गांव में मिठाई बांटी गई और ग्रामीणों ने उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
राजेंद्र मालवे की यह उपलब्धि जिले के उन युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई है जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं। उनका संघर्ष यह संदेश देता है कि —“अगर लक्ष्य सच्चा हो और इरादा मजबूत, तो कोई भी परिस्थिति सफलता के कदम नहीं रोक सकती।”










