– जनपद पंचायत समनापुर में बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर — जांच टीम की पुष्टि के बाद कार्रवाई प्रस्तावित
डिंडौरी। जनपद पंचायत समनापुर में पदस्थ कम्प्यूटर ऑपरेटर मुकेश मालवी पर शासन की मध्यप्रदेश भवन संनिर्माण कर्मकार मंडल योजना के तहत मृतक हितग्राही की अनुग्रह सहायता राशि में गड़बड़ी कर ₹4 लाख रुपये अपने निजी खाते में ट्रांसफर करने का सनसनीखेज मामला उजागर हुआ है। प्रशासन ने इसे गंभीर वित्तीय अनियमितता मानते हुए संबंधित ऑपरेटर को तत्काल प्रभाव से विभागीय कार्यों से पृथक कर दिया है, साथ ही कलेक्टर और श्रम पदाधिकारी डिंडौरी को कार्रवाई हेतु प्रस्ताव भी भेजा गया है।
कैसे हुआ खुलासा..?
यह फर्जीवाड़ा तब सामने आया जब जनपद पंचायत समनापुर में ऑडिट के दौरान यह पाया गया कि कंप्यूटर ऑपरेटर मुकेश मालवी के बैंक ऑफ बड़ौदा खाते में ₹4 लाख रुपये का हस्तांतरण किया गया है। यह राशि म.प्र. भवन संनिर्माण कर्मकार मंडल की अनुग्रह सहायता योजना के तहत थी, जो मूलतः हितग्राही परिवार को दी जानी थी।
ऑडिट रिपोर्ट के बाद मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत समनापुर ने तत्काल जांच टीम का गठन कर भौतिक सत्यापन कराया। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि ऑपरेटर ने पोर्टल में हितग्राही के बैंक खाते की जगह अपना खाता नंबर दर्ज कर उक्त राशि अपने खाते में स्थानांतरित की।
निरस्त प्रकरण को बनाया “सही”
दरअसल, यह प्रकरण ग्राम पंचायत गौराकन्हारी के पोषक ग्राम ढावा की दिवंगत हिरौंदा बाई पति एतरा सिंह बैगा से संबंधित था। मृतका की मृत्यु 31 दिसंबर 2020 को हुई थी, जिसके बाद वारिसों को शासन द्वारा अंत्येष्टि सहायता ₹6,000 और अनुग्रह सहायता ₹4 लाख की राशि देय थी।
आवेदन के बाद जनपद स्तरीय सत्यापन दल ने प्रकरण में खामियां पाकर उसे निरस्त कर दिया था। लेकिन कम्प्यूटर ऑपरेटर मुकेश मालवी ने कूटरचित तरीके से प्रकरण को “सही” दिखाते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी के डिजिटल हस्ताक्षर का उपयोग कर राशि स्वीकृत कर अपने निजी खाते में 13 अक्टूबर 2022 को ट्रांसफर कर लिया।
जांच रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि सीईओ के डिजिटल सिग्नेचर के उपयोग में भी कई सवाल खड़े हुए हैं, जिससे उच्चस्तरीय अधिकारियों की भूमिका भी जांच के दायरे में है।
जांच के बाद हुई कार्रवाई
प्रकरण के खुलासे के बाद मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत समनापुर ने कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया और जांच प्रतिवेदन के आधार पर ऑपरेटर को दोषी करार देते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डिंडौरी, कलेक्टर डिंडौरी एवं श्रम पदाधिकारी डिंडौरी को कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेज दी है।
उधर, उप संचालक सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण डिंडौरी ने भी 06 नवंबर 2025 को सीईओ समनापुर को पत्र भेजकर निर्देश दिए हैं कि मुकेश मालवी को सभी विभागीय कार्यों से तत्काल पृथक किया जाए, सभी पोर्टल की आईडी व पासवर्ड बदलकर नवीन आउटसोर्स ऑपरेटर की नियुक्ति की जाए।
संवेदनहीनता की हद पार
एक आदिवासी (बैगा) महिला की मृत्यु के बाद उसके परिवार को मिलने वाली सहायता राशि में इस तरह की हेराफेरी प्रशासनिक तंत्र की संवेदनहीनता को उजागर करती है। जनपद पंचायत स्तर पर सत्यापन दल द्वारा निरस्त किए गए प्रकरण को कूटरचित दस्तावेजों के सहारे स्वीकृत कराना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। सूत्रों के अनुसार, विभागीय अमला अब इस मामले को दबाने और ऑपरेटर से राशि वापस कराकर शासकीय खाते में जमा कराने की कोशिश में जुटा है।







