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Dindori News: जनपद डिंडौरी में प्रभारी सीईओ की कार्यशैली पर सवाल, जनप्रतिनिधियों ने की हटाने की मांग

akvlive.in

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बैठकें न होना, फाइलें अटकी रहना और अनुचित व्यवहार बना विवाद का कारण

डिंडौरी। जनपद पंचायत डिंडौरी में पदस्थ प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रमोद कुमार ओझा के कार्यशैली को लेकर जनप्रतिनिधियों में गहरा असंतोष उभरकर सामने आया है। जनपद पंचायत के कई सदस्यों ने सामूहिक रूप से कलेक्टर डिंडौरी को आवेदन सौंपकर मांग की है कि श्री ओझा को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए, क्योंकि उनके असहयोगपूर्ण रवैये से पंचायत के विकास कार्य ठप पड़ गए हैं।

जनपद सदस्यों का कहना है कि पिछले तीन महीनों से जनपद की सामान्य सभा की कोई बैठक आयोजित नहीं की गई है। न तो सदस्यों को औपचारिक रूप से बुलाया जाता है और न ही सीईओ स्वयं बैठकों में उपस्थित रहते हैं। विकास कार्यों से जुड़ी फाइलें महीनों से अटकी पड़ी हैं, जिन पर कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा। इससे पंचायत की योजनाएं प्रभावित हो रही हैं और ग्रामीण जनता को सीधा नुकसान उठाना पड़ रहा है।

जनपद सदस्य अनिता धुमकेती, रजनी मंदे, ममता देवी, अवंती, सहित अन्य सदस्यों ने संयुक्त रूप से बताया कि सीईओ श्री ओझा जनप्रतिनिधियों से अभद्र व्यवहार करते हैं, उनके सुझावों की अनदेखी करते हैं और आवश्यक कार्यों को टालमटोल करते हैं। उन्होंने कहा कि पंचायत में जनप्रतिनिधियों की भूमिका का सम्मान नहीं किया जा रहा है, जबकि पंचायत व्यवस्था लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित है।

सदस्यों ने यह भी बताया कि सीईओ के गैरजिम्मेदाराना रवैये से ग्रामीण विकास योजनाओं पर असर पड़ा है। कई पंचायतों में मनरेगा, नल-जल योजना, सड़क निर्माण और स्वच्छ भारत मिशन जैसी योजनाओं के कार्य अधर में लटके हुए हैं।

उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन शीघ्र कार्रवाई नहीं करता तो वे सामूहिक रूप से जिला कार्यालय में प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे।

जनप्रतिनिधियों की इस सामूहिक कार्रवाई से जनपद कार्यालय परिसर में पूरे दिन चर्चा का माहौल बना रहा। अधिकारी और कर्मचारी वर्ग भी इस मुद्दे पर आपस में चर्चा करते दिखाई दिए।

जनपद सदस्यों ने अंत में कहा कि उनका उद्देश्य किसी व्यक्ति विशेष को निशाना बनाना नहीं है, बल्कि पंचायत की गरिमा और कार्यप्रणाली को सुचारू रखना है। उन्होंने पुनः जिला कलेक्टर से निवेदन किया कि प्रभारी सीईओ प्रमोद कुमार ओझा को तत्काल हटाकर किसी जिम्मेदार और संवेदनशील अधिकारी की नियुक्ति की जाए, ताकि विकास कार्यों में गति लाई जा सके।

Chetram Rajpoot

चेतराम राजपूत मध्यभूमि के बोल समाचार पत्र के संपादक हैं। 2013 से इस दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने madhyabhoomi.in को विश्वसनीय समाचार स्रोत बनाया है, जो मुख्यधारा की मीडिया से अलग, विकास, समानता, आर्थिक और सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित है। हम सच्चाई और पारदर्शिता में विश्वास रखते हैं। मीडिया की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए सतत प्रयासरत हैं। बेखौफ कलम... जो लिखता है बेलिबास सच..

Chetram Rajpoot

चेतराम राजपूत मध्यभूमि के बोल समाचार पत्र के संपादक हैं। 2013 से इस दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने madhyabhoomi.in को विश्वसनीय समाचार स्रोत बनाया है, जो मुख्यधारा की मीडिया से अलग, विकास, समानता, आर्थिक और सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित है। हम सच्चाई और पारदर्शिता में विश्वास रखते हैं। मीडिया की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए सतत प्रयासरत हैं। बेखौफ कलम... जो लिखता है बेलिबास सच..