डिंडौरी । शासकीय चन्द्रविजय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, डिंडौरी में 09 अक्टूबर 2025 को ‘लव-जिहाद के विरुद्ध जन-जागरूकता’ विषय पर एक महत्वपूर्ण पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य छात्राओं में जागरूकता, सतर्कता और आत्मनिर्भरता की भावना को सशक्त करना रहा।
कार्यक्रम में अधिवक्ता ममता शर्मा ने छात्राओं को उनके कानूनी अधिकारों और आत्म-सुरक्षा से जुड़ी विधिक प्रक्रियाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जागरूकता ही महिलाओं की सबसे बड़ी सुरक्षा है।
मेकलसुता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. बी. एल. द्विवेदी ने अपने उद्बोधन में कहा कि छात्राएं भारतीय संस्कृति की गरिमा और पारिवारिक मूल्यों का सम्मान करते हुए सतर्क रहें, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। उन्होंने मर्यादित आचरण और विवेकपूर्ण निर्णय लेने की आवश्यकता पर बल दिया।
वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक श्रीमती सविता धार्वे ने ‘सखी-सहेली’ योजना के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी सुरक्षा हेतु उपलब्ध सरकारी सहायता केंद्रों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आर्थिक और मानसिक रूप से सशक्त महिला समाज में हर प्रकार की नकारात्मक प्रवृत्तियों का डटकर सामना कर सकती है।
महाविद्यालय की एन.एस.एस. अधिकारी श्रीमती प्रगति साहू ने छात्राओं को सोशल मीडिया के सुरक्षित उपयोग और तकनीकी साधनों के माध्यम से षड्यंत्रकारियों की पहचान करने के उपाय बताए।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एस. के. दुबे ने भारतीय ज्ञान परंपरा और संस्कृति के मूल्यों का पालन करते हुए प्रेम और धर्म की गरिमा बनाए रखने का संदेश दिया। वरिष्ठ सह-प्राध्यापक डॉ. संतोष धुर्वे ने सामाजिक परंपराओं और मान्यताओं के संरक्षण की आवश्यकता पर विचार रखे।
कार्यक्रम की संयोजक डॉ. पार्वती कुशराम ने छात्राओं को सजग रहकर सही निर्णय लेने का संदेश दिया। कार्यक्रम का संचालन प्रो. देवेन्द्र गवले द्वारा किया गया।
इस अवसर पर लगभग 100 छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर जन-जागरूकता की दिशा में अपना सक्रिय योगदान दिया।