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प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण : कृषि सखियों ने साझा किए अनुभव

akvlive.in

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परियोजना संचालक आत्मा एवं कृषि विज्ञान केंद्र डिंडौरी के संयुक्त तत्वावधान में नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग अंतर्गत 25 से 29 सितम्बर 2025 तक पाँच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह प्रशिक्षण एनआरएलएम से चयनित कृषि सखियों के लिए कृषि विज्ञान केंद्र के सभागार में कलेक्टर श्रीमती नेहा मारव्या के निर्देशन में संपन्न हुआ।

       समापन कार्यक्रम में कृषि सखियों ने प्राकृतिक खेती के विभिन्न घटकों को सीखने के अनुभव साझा किए एवं उन्हें प्रमाणपत्र वितरित किए गए। शासन की इस योजना के तहत डिंडोरी जिले के 2500 हेक्टेयर क्षेत्र को चिन्हांकित कर 6250 कृषकों को प्राकृतिक खेती में शामिल किया जाना है, साथ ही अन्य किसानों को भी इसके लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

         कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर डॉ. गीता सिंह ने बताया कि प्राकृतिक एवं जैविक खेती में गौवंश की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक किसान के घर में गौवंश होना आवश्यक है ताकि जैविक खाद तैयार की जा सके। कृषि सखियां पहले स्वयं प्राकृतिक खेती अपनाएँगी, फिर किसानों को प्रशिक्षण देकर योजनाओं का क्रियान्वयन करेंगी।

तकनीकी सत्रों के दौरान कृषि विशेषज्ञ श्री अवधेश पटेल, डॉ. गीता सिंह, श्रीमति रेणु पाठक और सुश्री श्वेता मसराम द्वारा विभिन्न गतिविधियाँ, प्रशिक्षण, भ्रमण एवं प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिससे कृषि सखियों के तकनीकी ज्ञान में वृद्धि हो सके।

 प्रशिक्षण में सामूहिक गतिविधियों के तहत विजेता रही

प्रथम स्थान श्रीमति शशि मरावी, द्वितीय स्थान श्रीमति प्रतिमा पारधी, तृतीय स्थान पर श्रीमति पुष्पा नेती रहीं।

कार्यक्रम मे अपने अनुभव साझा करते हुए फड़की गांव की सखी श्रीमती सुनीता धुर्वे ने बताया कि उन्होंने इस प्रशिक्षण में भूमि की नमी बनाए रखने, बीज उपचार, मिलेट्स की जानकारी एवं जैविक खाद निर्माण की प्रक्रिया सीखी है और अब इसे अपने घर से प्रारंभ करेंगी। वहीं विक्रमपुर गांव की सखी श्रीमती प्रतिमा पारधी ने कहा कि वे पहले खुद प्राकृतिक खेती अपनाएँगी और किसानों को रासायनिक खाद के दुष्प्रभाव एवं प्राकृतिक खेती के फायदे समझाएँगी।

     समापन कार्यक्रम में उपसंचालक कृषि सुश्री अभिलाषा चौरसिया, कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ. पी.एल. अंबुलकर, प्रभारी परियोजना संचालक आत्मा डॉ. नेहा धूरिया, आजीविका मिशन जिला प्रबंधक अर्पणा पांडे, उप परियोजना संचालक आत्मा श्रीमति रुचि टेकाम, कृषि वैज्ञानिक अवधेश पटेल सहित सभी कृषि सखियां उपस्थित रहीं।

Chetram Rajpoot

चेतराम राजपूत मध्यभूमि के बोल समाचार पत्र के संपादक हैं। 2013 से इस दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने madhyabhoomi.in को विश्वसनीय समाचार स्रोत बनाया है, जो मुख्यधारा की मीडिया से अलग, विकास, समानता, आर्थिक और सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित है। हम सच्चाई और पारदर्शिता में विश्वास रखते हैं। मीडिया की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए सतत प्रयासरत हैं। बेखौफ कलम... जो लिखता है बेलिबास सच..

Chetram Rajpoot

चेतराम राजपूत मध्यभूमि के बोल समाचार पत्र के संपादक हैं। 2013 से इस दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने madhyabhoomi.in को विश्वसनीय समाचार स्रोत बनाया है, जो मुख्यधारा की मीडिया से अलग, विकास, समानता, आर्थिक और सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित है। हम सच्चाई और पारदर्शिता में विश्वास रखते हैं। मीडिया की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए सतत प्रयासरत हैं। बेखौफ कलम... जो लिखता है बेलिबास सच..