डिंडौरी । कलेक्टर श्रीमती नेहा मारव्या की अध्यक्षता में सोमवार को जिला स्तरीय वनाधिकार समिति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में वन अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत चल रहे कार्यों और लंबित प्रकरणों की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की गई।
बैठक के दौरान वनग्रामों में व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र संशोधन हेतु जनपद पंचायत डिंडौरी, शहपुरा एवं करंजिया से प्राप्त 70 दावों की समीक्षा की गई। कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन दावों को शीघ्र जिला स्तर पर भेजा जाए ताकि पात्र हितग्राहियों को शीघ्र वन अधिकार पत्र जारी किए जा सकें।
लंबित प्रकरणों के निराकरण पर जोर
बैठक में पूर्व के मान्य दावों एवं वर्तमान लंबित दावों से संबंधित सभी ग्राम स्तरीय समितियों की कब्जा रिपोर्ट, कार्यवाही विवरण और आवश्यक दस्तावेजों की बारीकी से समीक्षा की गई।
कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी लंबित प्रकरणों का समयबद्ध निराकरण सुनिश्चित किया जाए और पात्र हितग्राहियों को वन अधिकार पत्र शीघ्र वितरित किए जाएं। उन्होंने कहा कि वन अधिकार अधिनियम का उद्देश्य आदिवासी एवं अन्य परंपरागत वनवासियों के वन भूमि पर अधिकारों को मान्यता देना है, इसलिए इस प्रक्रिया में पारदर्शिता और गति दोनों आवश्यक हैं।
बैठक में एसडीएम शहपुरा श्री ऐश्वर्य वर्मा, एसडीएम बजाग श्री रामबाबू देवांगन, एसडीएम डिंडौरी सुश्री भारती मेरावी, अनुविभागीय अधिकारी (वन) डिंडौरी/शहपुरा, सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग श्री राजेन्द्र कुमार जाटव सहित राजस्व, वन एवं जनजातीय कार्य विभाग के अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
राज्य शासन की प्राथमिकता पर बल
कलेक्टर श्रीमती नेहा मारव्या ने अधिकारियों से कहा कि राज्य शासन की प्राथमिकता के अनुसार वन अधिकार अधिनियम से संबंधित सभी प्रकरणों का निपटारा प्राथमिकता से किया जाए, ताकि पात्र हितग्राहियों को उनके अधिकार समय पर प्राप्त हो सकें।