– प्रतिबंध के बाद भी ग्राम पंचायत में सोलर लाईट लगाकर एलईडी के नाम पर किया 7लाख 89 हजार रुपए का भुगतान
– वंश सोलर एजेंसी संचालक कर रहा फर्जीवाड़ा, शासन को लगा रहा पलीता
डिंडौरी जिले की बजाग जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत मझियाखार के सरपंच, सचिव द्वारा शासन के दिशा निर्देशों की धज्जियां उड़ाते हुए लाखों रुपए का घोटाला करने का मामला सामने आया था, प्रतिबंध के बावजूद ग्राम पंचायत द्वारा अमानक स्तर के सोलर लाईट खरीदी के नाम पर सप्लायर वंश सोलर एनर्जी को 7 लाख 89 हजार रुपए भुगतान किया गया था।
सोलर लाईट खरीदी में दिशा निर्देशों की अवहेलना एवं वित्तीय अनियमितता की खबर मध्यभूमि के बोल वेबसाइट पत्र में प्रमुखता से प्रसारित किया गया था। जिला प्रशासन के निर्देश पर पंचायत निरीक्षक एवं पंचायत समन्यवक को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, उन्होंने मामले की जांच में अनियमितता किए जाने की पुष्टि करते हुए जांच प्रतिवेदन तैयार कर अग्रिम कार्रवाई हेतु जिला पंचायत सीईओ को प्रेषित किया है।
ग्राम पंचायत मझियाखार में विद्युत सामग्री सप्लाई करने वाले ठेकेदार वंश सोलर एनर्जी ने सरपंच, सचिव और अधिकारियों से मिलकर शासन के आंखों में मिर्ची झोंकने का काम कर रहा है,इसके बावजूद भी जिम्मेदार गहरी नींद में है। जिसके चलते स्ट्रीट लाइट और सोलर लाईट खरीदी के नाम धड़ल्ले से घोटाला किया जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश शासन नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग मंत्रालय द्वारा ग्राम पंचायतो सहित स्थानीय निकायों एवं सरकारी संस्थाओं में सोलर लाईट खरीदी/लगाने में 07 अक्टूबर 2024 को प्रतिबंध लगाया गया है, क्योंकि शासन के संज्ञान में आया है कि सोलर लाईट बहुत जल्द अनुपयोगी हो जाते हैं, और उपयोगित राशि व्यर्थ हो जाती हैं,जिसके चलते सोलर लाईट/सोलर ट्री,/सोलर स्टड/सोलर हाई मास्ट को प्रदेश के शासकीय संस्थानों में प्रतिबंधित किया गया है ।

ग्राम पंचायत मझियाखार के सरपंच सचिव और ठेकेदार ने मिलकर शासन के निर्णय और आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए गांव में सोलर लाईट लगाया लेकिन ग्राम पंचायत द्वारा भुगतान किए गए बिल में एलईडी खरीदी नाम पर वंश सोलर एनर्जी को 789000 रु का भुगतान 28/06/2025 को किया है। जबकि गांव में एलईडी की बजाय सिर्फ 30 नग प्रतिबंधित सोलर लाईट लगाए गए हैं।
– सोलर और स्ट्रीट लाइट के नाम पर जारी है करोड़ों का घोटाला…?
जिले में स्ट्रीट लाइट और सोलर लाईट खरीदी के नाम पर धड़ल्ले से घोटाला किया जा रहा है। इस खेल में ऊर्जा विभाग के अधिकारियों की भुमिका संदिग्ध मानी जा रही है। सप्लायर/ठेकेदार द्वारा स्वयं ऊर्जा विभाग के अधिकारियों से प्राक्कलन स्वीकृत और मूल्यांकन एवं कार्यों का सत्यापन कराया जा रहा है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि जब गांव में सोलर लाईट लगे है तो एलईडी का मूल्यांकन किस आधार पर करते हुए लगभग 8 लाख रुपए का भुगतान किया गया है। सूत्रों की माने तो बंदरबाट के इस खेल फर्जीवाड़ा चरम पर है।
इनका कहना है,,,
ग्राम पंचायत मझियाखार में प्रतिबंध के बावजूद ग्राम पंचायत द्वारा सोलर लाईट खरीदी गई थी, भुगतान की गई संपूर्ण राशि वसूली योग्य है, अग्रिम कार्रवाई हेतु जांच प्रतिवेदन जिला पंचायत को प्रेषित किया गया है।
जतिन कुमार ठाकुर, प्रभारी सीईओ जनपद पंचायत बजाग








